Jaisalmer: आज से सात दिन पहले एक भीषण सड़क हादसे में एक पूरा परिवार दुर्घटना ग्रस्त हो गया था. इस सड़क हादसे में पिता व पुत्री की मृत्यु हो गयी थी. साथ ही उसी परिवार का इकलोता चिराग 5 वर्षीय बालक जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहा था. इस परिवार के लिये डॉ सत्ताराम पवार देवदूत बन कर आये और परिवार के इकलौते चिराग को बचा लिया.


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सड़क हादसे में पिता-पुत्री की मौत


जैसलमेर व बाड़मेर जिले की सीमा पर सात दिन पूर्व एक सड़क हादसे हुआ. उस हादसे में पिता व पुत्री की मौत हो गई थी. वहीं परिवार का इकलौता बेटा ठाकरराम पुत्र स्व. मूलनाथ निवासी कीता जिंदगी व मौत के बीच संघर्ष कर रहा था. घायल बालक को जैसलमेर अस्पताल लाया गया जहां डॉक्टरों ने उसका उपचार किया तो पता चला कि हादसे मे बालक के पेट में लीवर के साथ आंत फट गई थी.


बालक की हालात गंभीर थी. गंभीर घायल बालक को डॉक्टरों ने जोधपुर रेफर करने का विचार बनाया परंतु हादसे के दौरान घायल बालक ठाकराराम का परिवार सदमे में था व ठाकराराम की सुध लेने वाला कोई नहीं था,


इस दौरान जवाहर अस्पताल के डॉ. सत्ताराम पंवार ने इस घायल बालक का सफल ऑपरेशन कर जान बचाई है. डॉ. सताराम पंवार ने बताया कि बालक के हादसे मे पेट में लीवर के साथ आंत फट गई थी. जिसके कारण बच्चे का ब्लड प्रेशर बहुत कम हो गया था व पेट में जहर फैलता जा रहा था. 


सही समय पर हुआ ऑपरेशन


सही समय पर ऑपरेशन नहीं किया जाता तो बच्चे का बचना नामुमकिन था. मासूम बालक की मां भी बेसुध हो गई जो अस्पताल में भर्ती थी. पिता व बहन का साथ पहले ही छूट गया था. ऑपरेशन जैसलमेर में हुआ है. विषम परिस्थिति में बालक की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ. सत्ताराम पंवार व उनकी टीम ने इस आपात स्थिति में ऑपरेशन का निर्णय लिया. 


यह जैसलमेर जिले की चिकित्सा स्थिति को देखते हुए काफी बड़ा व चुनौती पूर्ण निर्णय था.डॉ सत्ताराम पंवार इससे पहले भी काफी बड़े आपरेशन कर सैकड़ों लोगों को जीवनदान दे चुके है.स्थानीय नागरिकों का इससे सरकारी अस्पताल पर विश्वास भी बढ़ा है. इस बालक के सफल ऑपरेशन के बाद  परिवार के इकलौते चिराग की जान बची.


इस पूरे कार्य को लेकर जैसलमेर जिले में डॉक्टर सत्ता राम पंवार व उनकी टीम की सराहना हो रही है.गुरुवार को बालक के पूर्ण रुप से स्वस्थ होने पर उसे छुट्टी दे दी गई.  पीएमओ डॉ. रविंद्र सांखला के मार्गदर्शन में डॉ. सत्ताराम पंवार के साथ टीम में डॉ. पूनमचंद कुमावत, डॉ. प्रथमेश, डॉ. सूचना, दिनेश सोनी उपस्थित रहे.


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