जैसलमेर में मातृशक्ति ने की 70 KM की पैदल यात्रा,ओरण भूमि को लेकर खोला मोर्चा, यहां नोक-झोंक भी हुई
Jaisalmer News: वंडर कंपनी के खिलाफ ओरण बचाने को महिलाओं ने शुरू की पदयात्रा.जिले की मातृशक्ति ने 70 किलोमीटर पैदल यात्रा कर CM भजनलाल सरकार से लगाई गुहार. ओरण की जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मातृशक्ति ने ठानी.70 किलोमीटर की पदयात्रा कर जिला कलेक्टर को CM के नाम सौपा ज्ञापन.
Jaisalmer News: जैसलमेर जिले में ओरण बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले सीमावर्ती जिले जैसलमेर की मातृशक्ति ने 70 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर ओरण गोचर भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग की है. इस मांग को लेकर सैकड़ो की संख्या में बालिकाओं व महिलाओं ने जैसलमेर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा है.जानकारी के अनुसार जिले के पारेवर गांव की महिलाओं ने सोमवार को ओरण गोचर भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर पदयात्रा शुरू की थी.
ये यात्रा मंगलवार को 70 किलोमीटर की यात्रा कर जैसलमेर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची.इस दौरान पुलिस द्वारा उन्हें कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर ही रोक दिया गया.जिसके बाद पुलिस व प्रदर्शनकारियों में काफी नोक झोंक हुई.
आखिरकार पुलिस द्वारा कलेक्ट्रेट कार्यालय का गेट खोला गया और सैकड़ो की संख्या में प्रदर्शनकारी मातृशक्ति जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय के परिसर में पहुंची. जहां जमकर नारेबाजी हुई और उसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने जैसलमेर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन
सोप ओरण गोचर को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने एवं क्षेत्र में वंडर सीमेंट के लिए आवंटित हुए प्लांट को खारिज करने की मांग की. बतादें कि जैसलमेर के इतिहास में ओरण भूमि को बचाने के लिए पहली बार मातृशक्ति ने पैदल यात्रा की है.
ओरण की जमीन को देवताओं की जमीन माना जाता है
महिलाओं ने ज्ञापन में बताया गया है कि वंडर सीमेंट कंपनी को जिस स्थान पर जमीन आवंटित की गई है वो ओरण की जमीन है. क्षेत्र में ओरण की जमीन को देवताओं की जमीन माना जाता है.इस क्षेत्र में पेड़ तक को काटना अभिशाप माना जाता है, और ऐसे में यहां किसी कंपनी को जमीन अलॉट करने से क्षेत्र वासियों में रोष है. इस कारण इस ओरण भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाया जाए और कंपनी को किसी और स्थान पर जगह आवंटित की जाने की मांग रखी गई है.
मंगलवार को जैसलमेर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची
गौरतलब है कि जैसलमेर जिला मुख्यालय से 70 किलोमीटर दूर बसे पारेवर गांव के वाशिंदों ने अपने गांव की ओरण गोचर भूमि को बचाने व उसे राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर जहां कुछ दिन पहले ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों ने पैदल यात्रा कर जैसलमेर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौपा था. वहीं, कोई कार्यवाही न होते देख अब इस गांव की महिलाएं व बालिकाएं आगे आई है, और अपने गांव के पास की इस ओरण जमीन को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांग को लेकर मंगलवार को जैसलमेर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंची.
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