Jaisalmer News: 20 सितंबर को कोटा विकास प्राधिकरण ने बूंदी जिला के सीमा में एयरपोर्ट बनाने के लिए 600 साल पुरानी पूर्व नरेश सूरजमल हाड़ा की मूर्ति और छतरी तोड़ दी थी. कोटा विकास प्राधिकरण के इस कार्रवाई के बाद जिले में बवाल शुरू हो गया, जो अब थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसे लेकर कोटा विकास प्राधिकरण को राजपूत समाज की ओर से चेतावनी मिलनी शुरू हो गई है. राजपूत समाज की ओर से चेतावनी दी गई है कि अगर 8 अक्टूबर तक प्राधिकरण की ओर से छतरी नहीं बनाई जाती है, तो वे खुद सैकड़ों की संख्या में पहुंच छतरी का निर्माण कराएंगे. 


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जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंप रहा राजपूत समाज 
रिपोर्ट्स की मानें, तो इस मामले में प्रदेश भर में राजपूत समाज की ओर से जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की जा रही है. वहीं, गुरुवार को जैसलमेर में भी श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के सदस्यों द्वारा जैसलमेर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंप बूंदी के हाडा महाराजा सूरजमल की छतरी का वापस निर्माण करने व दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने की मांग की गई है.


समय से कार्रवाई नहीं होने पर होगा आंदोलन
इस सम्बन्ध में श्री क्षत्रिय युवक संघ के केंद्रीय कार्यकारिणी सदस्य तारेंद्र सिंह झिझनियाली ने जानकारी देते हुए बताया कि यदि समय रहते बूंदी महाराज श्री सूरजमल की छतरी को वापस उसी स्थान पर नहीं बनाया जाता है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्यवाही नहीं होती है तो राजपूत समाज आंदोलन करेगा.


करणी सेना ने भी जताया विरोध 
आपको बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान सरकार ने बूंदी तहसीलदार प्रवीण कुमार, भूअभिलेख निरीक्षक मुरलीधर और पटवारी रामनिवास को निलंबित कर दिया है. वहीं, इस मामले में करणी सेना ने भी विरोध जताते हुए छतरी बनाने की चेतावनी जारी की है.


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