Shankaracharya Temple: श्रीनगर के इस मंदिर को मुस्लिम शासक ने किया था विखंडित, शंकराचार्य को यहीं प्राप्त हुआ था ज्ञान
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Shankaracharya Temple: श्रीनगर के इस मंदिर को मुस्लिम शासक ने किया था विखंडित, शंकराचार्य को यहीं प्राप्त हुआ था ज्ञान

Shankaracharya Temple: श्रीनगर में स्थित इस मंदिर को एक मुस्लिम शासक ने विखंडित कर दिया था. हालांकि बाद में इस मंदिर को सिख शासकों के द्वारा बनावाया गया था. शंकराचार्य को आध्यात्मिक ज्ञान इसी मंदिर में प्राप्त हुआ था.

Shankaracharya Temple: श्रीनगर के इस मंदिर को मुस्लिम शासक ने किया था विखंडित, शंकराचार्य को यहीं प्राप्त हुआ था ज्ञान

Shankaracharya Temple: जम्मू कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में शंकराचार्य पहाड़ी की चोटी पर भगवान शिक को समर्पित एक मंदिर है. इस मंदिर को शंकराचार्य मंदिर भी कहते हैं. इस मंदिर की गिनती कश्मीर के सबसे पुराने मंदिरों में होती है. इसे ज्येष्ठेश्वर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है. महान दार्शनिक शंकराचार्य के नाम पर इस मंदिर का नाम शंकराचार्य मंदिर रखा गया है. माना जाता है कि लगभाग दस शताब्दी पहले वह श्रीनगर पहुंचे थे. यहां पहुंचकर जिस शिवलिंग की वह पूजा करते थे वह इसी मंदिर में स्थित है.

शंकराचार्य को मिला था आध्यात्मिक ज्ञान

ऐसी मान्यता है कि आदि शंकराचार्य इसी जगह पर रहकर आध्यात्मिक ज्ञान हासिल किया था. जिसके बाद उन्होंने अद्वैत, या गैर-द्वैतवाद के दर्शन के चार हिंदू विद्यालयों की स्थापना की थी. शंकराचार्य मंदिर पहाड़ के एक बहुत ही बड़े चट्टान पर स्थित है जहां अष्टकोणीय मंच पर यह मंदिर विराजमान है. यहां पहुंचने के लिए करीब 243 सीढ़ियां चढ़ना होता है. मंदिर के पास पहुंचने के बाद नीचे की ओर घाटी का सुंदर नजारा दिखाई देता है.

मंदिर परिसर में तीन सौ से अधिक देवी देवता

यूं तो मंदिर परिसर में देवी-देवताओं की तीन सौ से अधिक बहुमूल्य मूर्तियां हैं लेकिन इस मंदिर में मूल आराध्य भगवन शिव, लिंगम के रूप में विराजमान हैं. इतिहासकारों की माने तो मंदिर के आसपास की अन्य कई कलाकृतियों को कश्मीर पर शासन करने वाले सुल्तान सिकंदर के सेना ने तोड़ दिया था. बाद में मंदिर की मरम्मत सिख शासकों के द्वारा करवाई गई.

इसके अलावा इस मंदिर की मरम्मत कश्मीर के दूसरे डोगरा शासक महाराजा रणबीर सिंह ने भी करवाई थी. यह मंदिर पूरे हफ्ते खुला रहता है. यहां भक्तों को दर्शन के लिए सुबह 7:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक मंदिर का पट खुला रहता है. 

शंकराचार्य मंदिर कैसे पहुंचें?

श्रीनगर में चलने वाली बसों के जरिए शंकराचार्य मंदिर तक भक्त पहुंच सकते हैं. लेकिन अगर आप आरामदायक यात्रा चाहते हैं तो उसके लिए टैक्सियों का विकल्प भी चुन सकते हैं. इस मंदिर तक जाने के लिए शहर में टैक्सियां आसानी से मिल जाती है. लेकिन बस और टैक्सी मंदिर के प्रवेश द्वार से पहले ही छोड़ देते हैं. प्रवेश द्वार तक पहुंचने के लिए आपको थोड़ा पैदल चलना होगा.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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