Jaisalmer News:राजस्थान के सबसे बड़े वन्य जीव अभ्यारण डेजर्ट नेशनल पार्क के क्षेत्र में वन्य जीवों की गणना करने के लिए वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. 3162 वर्ग किलोमीटर में फैले इस डेजर्ट नेशनल पार्क में वैशाख पूर्णिमा यानी कि आगामी 23 मई को सुबह 8:00 बजे से वन्य जीवों की गणना इस क्षेत्र में शुरू होगी जो 24 मई को सुबह 8:00 बजे तक चलेगी.


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वाटर हॉल पद्धति से की जा रही इस गणना में राज्य पक्षी गोडावण, राज्य पशु चिंकारा के साथ ही सियार, गीदड़, जंगली बिल्ली, लोमड़ी,मरु लोमड़ी, नीलगाय चिंकारा, जंगली सूअर, मोर,सांडा सहित वन्य जीव शामिल होंगे.



जैसलमेर DFO आशीष व्यास ने जानकारी देते बताया कि गणना के लिए वन विभाग DNP की तरफ से प्रत्येक वाटर पॉइंट पर तकनीकी कार्मिको को तैनात किया गया है . इसके लिए कार्मिको को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है. वन्यजीवों की गणना के लिहाज से डीएनपी क्षेत्र में 40 जगहो को चिन्हित किया गया है. जहां पर पानी की पर्याप्त व्यवस्था की जा चुकी है. इस कार्य के लिए 40 जल स्रोतों पर 40 कैमरे जहां लगाए गए हैं वहीं इनकी निगरानी के लिए वन विभाग के 80 जवान भी तैनात किए जाएंगे.



वैशाख पूर्णिमा की धवल रात्रि में विचरण करते वन्य जीव जब तालाबों के किनारे पहुंचेंगे तो ऐसे में उनकी गिनती करने में आसानी रहेगी. क्योंकि भीषण गर्मी के समय मे 24 घंटे की अवधि में एक बार तो वन्य जीव जल स्रोतों के किनारे जरूर पहुंचेंगे ही जिससे गणना में आसानी होगी और इसी कारण वाटर हॉल पद्धति को वन्य जीवो की गणना के लिए श्रेष्ठ माना जाता है.


गणना के लिए जहां तीसरी आंख की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी वहीं पूर्णिमा की चांदनी रात में वाटर पॉइंट के पास मचान पर बैठकर 80 तकनीकी कार्मिक भी गणना में अपनी भूमिका निभाएंगे.जिसके लिए बीते सोमवार को सुदासरी में कार्मिकों को प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है.आपको बतादे कि जिले के DNP क्षेत्र में सबसे ज्यादा नजर राज्य पक्षी गोडावण पर रहती है. इसके संरक्षण व संवर्धन पर सालाना करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं.



2022 में करवाई गई गणना में इस क्षेत्र में 42 गोडावण नजर आए थे वहीं इसके बाद राज्य सरकार द्वारा गोडावण के संरक्षण को लेकर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ऐसे में गोडावण, राज्य पशु चिंकारा, मोर,मरू लोमड़ी, नीलगाय, जंगली बिल्ली सहित वन्य जीवो की गणना की जाएगी.


गौरतलब है कि डेजर्ट नेशनल पार्क में हर वर्ष की भांति वैशाख पूर्णिमा के दिन 2020 में भी वन्य जीवो की गणना करवाई गई थी. ऐसे मे अभ्यारण क्षेत्र में जगह-जगह पानी भरा होने की वजह से विभाग की तरफ से चिन्हित जल स्रोतों पर वन्य जीव पहुंचे ही नही. इस कारण गणना के नतीजे निराशाजनक रहे . 



2023 में भी वन्य जीवो की गणना के लिए स्थान चयनित किए गए लेकिन बाद में वो भी नहीं हो सका,किन इस बार भीषण गर्मी के दौर के चलते जहां कई तालाब सूख चुके हैं और ऐसे में वन विभाग द्वारा चिन्हित 40 जल बिंदुओं पर वन्य जीवो की गणना के लिए कवायद तेज हो गई है.


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