Rajasthan News: राष्ट्रीय मरू उद्यान क्षेत्र (डीएनपी) में वन्यजीवों की गणना वैशाखी पूर्णिमा को सुबह 8 बजे से शुरू हुई जो आज शुक्रवार सुबह 8 बजे समाप्त हुई. ड्यूटी में तैनात कर्मचारी अपने अपने रिकॉर्ड लेकर DFO ऑफिस पहुंचे. जिले भर में डीएनपी क्षेत्र में इसके लिए 42 स्थानों का चयन किया गया था, जहां वाटर होल पद्धति से वन्यजीवों की गणना की गई. हर वर्ष वैशाख मास की पूर्णिमा को वन विभाग यह कवायद करता है, लेकिन गत वर्ष अच्छी बारिश होने के कारण राज्य भर के अभयारण्यों में होने वाले वन्यजीवों की गणना के कार्य को टाल दिया गया था. 


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अहम वाटर पॉइंट्स पर लगाए गए कैमरे 
जैसलमेर जिले में 42 जगहों पर पानी भर कर गणना के कार्य को शुरू किया गया और इस कार्य में वनपाल, वनरक्षक के साथ ही होमगार्ड के जवानों की भी ड्यूटी विभाग की तरफ से लगाई गई. उससे पहले सोमवार को सभी कार्मिकों को प्रशिक्षण दिया गया. गणना के दौरान वाटर पॉइंट के पास ही मचान पर बैठकर कार्मिकों ने गणना की. गणना के लिए वन विभाग डीएनपी की तरफ से प्रत्येक वाटर पॉइंट पर तकनीकी कार्मिक की ड्यूटी लगाई और साथ ही वन्यजीवों की आवक के लिहाज से ज्यादा अहम वाटर पॉइंट्स पर कैमरे भी लगाए गए थे. 



पूर्णिमा की रात में वन्यजीवों की होती है गणना 
वन विभाग का मानना है कि अत्यंत ग्रीष्म के कारण वन्य जीव व पक्षी 24 घंटों में कम से कम एक बार पानी पीने नजदीकी वाटर पॉइंट पर जरूर पहुंचते हैं. इसके अलावा पूर्णिमा की रात में चंद्रमा की चांदनी सबसे ज्यादा खिली हुई रहती है. ऐसे में वन्यजीवों की गणना करने में आसानी रहती है. इस कवायद के तहत दुर्लभ गोडावण पक्षी सहित सियार, गीदड़, जंगली बिल्ली, मरु बिल्ली, लोमड़ी, मरु लोमड़ी, नीलगाय, चिंकारा, जंगली सूअर, सेही, शिकारी पक्षी, मोर व सांडा आदि की गणना के अच्छे आंकड़े हाथ लगे है. 


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