नामी शक्तिपीठ श्री चंदू माता की बड़ी चौथ पर रात्रि को भव्य भजन संध्या का हुआ आयोजन
पोकरण के देवलपुरा में स्थित नामी शक्तिपीठ श्री चंदू माता की बड़ी चौथ से पहली रात्रि को भव्य भजन संध्या व महाकवि सम्मेलन का आयोजन किया गया.कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राज्यमंत्री ओंकारसिंह लखावत ने शिरकत कर सम्बोंधित किया. कार्यक्रम में चारण समाज के साथ साथ अन्य समाजों
जैसलमेर: पोकरण के देवलपुरा में स्थित नामी शक्तिपीठ श्री चंदू माता की बड़ी चौथ से पहली रात्रि को भव्य भजन संध्या व महाकवि सम्मेलन का आयोजन किया गया.कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राज्यमंत्री ओंकारसिंह लखावत ने शिरकत कर सम्बोंधित किया.
कार्यक्रम में चारण समाज के साथ साथ अन्य समाजों के प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधियों ने शिरकतकर माता के मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की वही कार्यक्रम के मंच पर सांधु संत व देवियों ने प्रवचन देकर श्री चंदू माता के जम्मर होने पर पर प्रकाश डाल. अतिथियों द्वारा कवि गिरधरदान दासोड़ी द्वारा श्री चंदू माता व अन्य देवियों पर लिखी किताब का विमोचनकर कवि गिरधरदान को शुभकामनाएं दी, कार्यक्रम में 1008 भगतराम जी महाराज, सोनल माता ने प्रवचनों से भक्तिमय माहौल बना दिया.
कवि सम्मेलन का भी आयोजन
प्रदेशभर से अलग अलग कार्यक्रम में पहुंचे कवियों ने अपनी प्रस्तुतियां दी, जिस में विख्यात कवि मोहनसिंह रतनू, नवल जोशी, जीडी रामपूरिया सहित डिंगल कवि व अन्य भाषाओं में कविओं ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी! पूर्व राज्यमंत्री ओंकारसिंह लखावत ने अपने सम्बोंधन में कहा कि श्री चंदू माता ने अन्याय के खिलाफ अवाज उठाकर जम्मर हुए जिनके स्थान पर स्मारक बनना चाहिए, जिस पर चारण समाज के साथ 35 कौम के भक्तों ने हाथ खड़े करके समर्थन किया,कार्यक्रम आये संत 1008 भगतराम जी महाराज ने चारण समाज को अपने वचनों पर मजबूती रहकर सामना करने वाले जाति बताई, कार्यक्रम में जोधपुर संभाग के साथ साथ प्रदेशभर से हजारों भक्तों ने कार्यक्रम में शिरकतकर भक्तिमय माहौल के साक्षी बने.
गौरतलब है कि श्री चंदू माता ने मिगसर वद चौथ वार शनिवार संवत् 1879 को जम्मर (जिंदा अग्नि में समर्पित होना) हुए थे श्री चंदू माता के 200 वर्ष पूर्ण होने की एक रात्रि पहले आयोजित मंदिर परिसर में भव्य भजन संध्या में चिरजाएं, भजन, कविताएं सूनाकर कलाकारों ने अपनी अपनी प्रस्तुतियां दी.
Reporter- Shankar Dan