Jaisalmer: राजस्थान के जैसलमेर में पिछले कई महीनों से प्रदेश में गायों में फैली गम्भीर बीमारी लंपी स्किन बीमारी के अब साइड इफेक्ट्स सामने आने लगे है. लंपी वायरस संक्रमण के चलते प्रदेश सहित जैसलमेर में भी दुग्ध उत्पादन में जबरदस्त गिरावट देखने को मिल रही है. प्रदेश भर में रोजाना चार लाख लीटर दूध कलेक्शन की गिरावट दर्ज की गई है. लंपी के फैलने से राजस्थान में गाय के दूध का उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. 


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बारिश के चलते जिलेभर की कई गौशालाओं कोड एरिया में दूध का कलेक्शन 40 प्रतिशत से 50 प्रतिशत तक कम दर्ज किया गया. पशु पालकों का कहना है कि लंपी स्किन बीमारी में अब पोस्ट इफैक्ट देखने को मिल रहे हैं. पोस्ट लंपी के चलते लगातार दूध में आई कमी से पशुपालक काफी चिंतित नजर आ रहे है, जंहा गौशाला की एक शिफ्ट में 150 लीटर दूध उत्पादन होता था जो अब केवल 75 से 80 लीटर रह गया है. 


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गौरतलब है कि जैसलमेर में पिछले दो महीनों में लंपी स्किन बीमारी से हजारों गोवंश की मौत हो गई है और जो गायें इस बीमारी की चपेट में आकर ठीक हुई है उनमें दुग्ध उत्पादन की क्षमता कम हो गई है. बता दें कि राजस्थान में गौवंश पर लंपी बीमारी कहर बनकर टूट रही है और हर रोज हजारों गौवंश लंपी के संक्रमण के कारण काल का ग्रास बन रहे है. लंपी वायरस से लगातार गोवंश की मौत हो रही है, जिससे दूध का उत्पादन भी आधा हो गया है और दुग्ध निर्मित उत्पाद जैसे छाछ, पनीर मक्खन, घी पर भी भारी असर पड़ रहा है.


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