Rajasthan News: राजस्थान में भारतमाला सड़क परियोजना के तहत जैसलमेर से म्याजलार तक स्वीकृत सड़क को चौड़ा करने की प्रक्रिया में डीएनपी की आपत्ति की वजह से आ रही अड़चनें दूर हो गई हैं. सीमाजन कल्याण समिति के अथक प्रयासों से केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 15 अक्टूबर को राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड की स्थायी समिति की बैठक में सात सालों से लंबित सड़क कार्य के लिए सहमति देते हुए एनओसी जारी करने का निर्णय लिया है. 


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इस मौके पर सीमाजन जागरण मंच के सहसंयोजक नीम्ब सिंह ने सभी को आभार जताते हुए जिन लोगों ने भी इसमें सहयोग किया उन सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया.नीम्ब सिंह ने बताया कि साल 2016-17 में स्वीकृत सड़क कार्य का डीएनपी (डेजर्ट नेशनल पार्क) की आपत्ति की वजह से निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा था. 


 



सीमाजन कल्याण समिति राजस्थान की टीम ने केंद्र व राज्य सरकार के जनप्रतिनिधियों एवं संबंधित विभागों के उच्च अधिकारियों से संपर्क कर सड़क मार्ग के निर्माण में आ रही अड़चनों को दूर करने के प्रयास शुरू किए. लंबी प्रक्रिया के तहत सीमाजन कल्याण समिति के प्रतिनिधि मंडल ने उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव एवं मौजूदा मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से जैसलमेर प्रवास के दौरान मिले. 


 



मिलकर कर इस समस्या के समाधान के लिए उचित मार्ग निकालने पर विस्तार से विचार-विमर्श किया. इसी कड़ी में समिति के प्रतिनिधि मंडल ने नई दिल्ली व जयपुर जाकर भी संबंधित मंत्रालयों के मंत्रियों एवं संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर जनहित में इस मामले का निपटारा करने की पुरजोर वकालात की गई।


 



सुरक्षा की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण


नीम्ब सिंह ने बताया कि जैसलमेर से म्याजलार तक सड़क को चौड़ा करने का प्रस्ताव आमजन के विकास और सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण परियोजना थी. सेना की मांग पर ही यह परियोजना स्वीकृत हुई है. म्याजलार तक सड़क मार्ग चौड़ा होने से विकास की दृष्टि से पिछड़े क्षेत्र में शुमार डीएनपी क्षेत्र की विकास परियोजनाओं को पंख लगेंगे.



इस अवसर पर सीमाजन कल्याण समिति के प्रदेश संगठन मंत्री स्वरूपदान ने कहा कि सभी के सहयोग से परियोजना पूर्ण होने जा रही है, परंतु भविष्य में सक्रिय रहकर सीमावर्ती क्षेत्र के विकास में सभी को भागीदारी निभानी होगी.