रामदेवरा में आसमान छूते चारे के भाव, पशुपालक पशुओं को क्या खिलाएं ?
रामदेवरा समेत आसपास की ढाणियों में कई तालाब सूख चुके है, ऐसे में पशुधन के सामने भीषण गर्मी में पानी की समस्या खड़ी हो गई है. कई जगहों पर बनी हुई पानी की जीएलआर में भी जलापूर्ति नहीं हो रही है
Pokaran : राजस्थान के जैसलमेर के रामदेवरा समेत आसपास के ग्रामीण इलाके में चारे-पानी की किल्लत बनी हुई है, जिसके कारण ग्रामीणों और पशुधन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इन दिनों पशुचारे के भाव आसमान छू रहे है. वही क्षेत्र के कई तालाबों में भी पानी सूख चुका है. ऐसे में पशुधन पूरे दिन चारे और पानी की आस में भटकता नजर आ रहा है.
पालतू पशुधन के लिए तो ग्रामीण मुश्किल से चारे पानी की व्यवस्था जुटा रहे है. लेकिन आवारा पशुधन की हालत खराब हैं. इनमे से कई पशुधन चारे पानी के अभाव में कमजोर हो गए है. वही इन दिनों क्षेत्र में अलग अलग प्रकार का चारा 600 से 1200 रुपये प्रति मण मिल रहा है, जिसके कारण पशुपालकों को चारा खरीदने में परेशानी हो रही है और आर्थिक रूप से भी समस्या आ रही है.
पशु शिविर शुरू नहीं होने से बढ़ी परेशानी
जैसलमेर जिला प्रशासन द्वारा राज्य सरकार के निर्देशानुसार गांवों में पशु शिविर खोले गए है, जिनमें पशुओं को चारा उपलब्ध हो रहा है, लेकिन रामदेवरा ग्राम पंचायत में अभी तक पशु शिविर स्वीकृत नहीं हुए है, ऐसे में ग्रामीणों और पशुधन के सामने चारे का संकट पैदा हो गया है.
तालाबों में पानी सूखा, अधिकांश जगहों पर नहीं हो रही जलापूर्ति
रामदेवरा समेत आसपास की ढाणियों में कई तालाब सूख चुके है, ऐसे में पशुधन के सामने भीषण गर्मी में पानी की समस्या खड़ी हो गई है. कई जगहों पर बनी हुई पानी की जीएलआर में भी जलापूर्ति नहीं हो रही है. हालांकि जलदाय विभाग के द्वारा टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति करने के प्रयास किये जा रहे हैं, जो ऊंट के मुँह में जीरा साबित हो रहे है.
मानसून की आस लगाए बैठे है ग्रामीण
अब प्री मानसून की बारिश होने की आस लगाए बैठे ग्रामीणों को बारिश का ही इंतजार है. वही कल रात कुछ जगहों पर बारिश से पानी की समस्या खत्म हो जाएगी. वही कुछ दिन बाद चारागाहों में चारे की उपलब्धता भी हो जाएगी.
रिपोर्टर- शंकर दान
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