Jaisalmer: जैसलमेर के लखासर गांव के पास श्वानों का शिकार बने सात हरिणों के रक्त से सनी मिट्टी का कलश लेकर, पर्यावरण प्रेमी 15 जुलाई को मूलसागर से जैसलमेर तक पदयात्रा करेंगे. इस दौरान पर्यावरण प्रेमी जिला कलक्टर को अपनी मांगों के समर्थन में हरिणों के रक्त से सनी मिट्टी का कलश सौंपेंगे. देगराय ओरण से पर्यावरण प्रेमी सुमेरसिंह भाटी सांवता ने जानकारी देते बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य जिला कलक्टर को ग्रामीण क्षेत्रों में, ओरण राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं होने, उनकी भूमि पर ऊर्जा कम्पनियों को हो रहें आवंटन से असुरक्षित व नष्ट हो रहें चरागाह, वन्यजीवों व पशुपालन पर मंडराते खतरों से अवगत करवाना हैं. वही प्रतिदिन किसी न किसी ओरण के आसपास से ऊर्जा कम्पनियों की गतिविधियों के कारण मर रहें वन्यजीवों के बारे में पढ़ रहें हैं, जिन्हें जैसलमेर के पूर्वजों ने सदियों से संरक्षण दे रखा था, यह बेहद दुखद स्थिति है.


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पर्यावरण प्रेमीयों ने बताया की जिले के पारेवर के पास बिजली की हाइटेंशन लाइन से टकराकर मरे गोडावण सहित प्रतिदिन किसी न किसी ओरण के आसपास ऊर्जा कम्पनियों व हाइटेंशन लाइनों के कारण हताहत हो रहें, वन्यजीवों को लेकर इन घटनाओं पर अंकुश लगाने, जिले की विभिन्न प्राचीन ओरणों को राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करवाने की मांगें की जाएगी.


पर्यावरण प्रेमी ने बताया कि इस पैदल यात्रा की शुरुआत मूलसागर गांव स्थित छत्रपति वीर आलाजी मन्दिर से की जाएगी. मूलसागर गांव व उसके आसपास के क्षेत्र में जलधाराओं के बहाव के आसपास व अवैध खनन पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी प्रशासन से की जाएगी.


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