Bhinmal: जालोर जिले के भीनमाल शहर के गायत्री शक्तिपीठ में महापर्व नवरात्रि के अनुष्ठान में पूर्णाहुति कार्यक्रम का आयोजन हुआ. जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया. यज्ञ के माध्यम से सुख समृद्धि एवं राष्ट्र की उन्नति एवं प्रगति की प्रार्थना की गई. यहां पर पूर्णाहुति के दिन पूजा अर्चना करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी. दूर दराज से श्रद्धालु भक्त मंदिर में पहुंचे और विशेष पूजन हवन में भाग लिया.


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इस अवसर पर लोगों ने बताया कि नवरात्र शक्ति साधना का पर्व है. शक्ति का मूल स्रोत संयम है. संयम साधना से मनुष्य अपने जीवन को सुखी बना सकता है. गायत्री शक्तिपीठ के अध्यक्ष राणमल शर्मा ने कहा कि यज्ञ में देवता, आहुति, वेद मंत्र, ऋत्विक और साधना संपन्न का महत्व है. हवन कुंड में अग्नि के माध्यम से देवता को हवि (भोजन)पहुंचाने की प्रक्रिया है.


 हवन को हिंदू धर्म में शुद्धिकरण का एक कर्मकांड माना गया है. यज्ञ मनुष्य तथा देवताओं के बीच संबंध स्थापित करने वाला माध्यम है. हरिकृष्ण द्विवेदी ने कहा कि अग्नि देव की स्तुति के साथ ऋग्वेद का प्रारंभ भारतवर्ष में यज्ञ का प्राचीनतम ऐतिहासिक साहित्यिक साक्ष्य है. 


महेश व्यास ने कहा कि वेदमूर्ति युगऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य ने सनातन धर्म के हर व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के यज्ञ प्रक्रिया से जोड़ दिया है. वैज्ञानिकों ने भी यज्ञ को केवल कर्मकांड की प्रक्रिया न मानते हुए इसे पर्यावरण शुद्धिकरण के लिए जरूरी कदम बताया है. 


कन्या पूजन  भी हुआ
कार्यक्रम में कन्या पूजन भी हुआ. इस अवसर पर करण सिंह सेवडी, कोल चंद सोनी,चतुर्भुज राठी, बंशीधर राठी, मोतीलाल सोलंकी, जसराज सुथार, सर्जनसिंह, ईश्वरसिंह सेवड़ी, गुलाबसिंह सेवड़ी, माधव ठाकुर, जेठाराम माली, बाबूलाल माली,वीराराम घांची, डॉ. शतदल विश्वास, सांवला राम चौधरी,मीरा देवासी, मुकनलाल समेत बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहें.
Reporter: Dungar Singh


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