Jalore: राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने वक्तव्य जारी करते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जालोर में पुलिस प्रशासन द्वारा मृतक छात्र इंद्र मेघवाल के परिजनों की न्यायसंगत मांगों पर लाठीचार्ज करने की घटना एवं अंतिम संस्कार के लिए जबरन दबाव बनाया जाना बेहद निंदनीय एवं दुर्भाग्यपूर्ण है. तानाशाही प्रशासन पीड़ित पक्ष के साथ न्याय करने के बजाए हिंसात्मक व्यवहार कर रहा है जिसकी मैं कड़ी भर्त्सना करता हूं.


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राठौड़ ने कहा कि पीड़ित परिवार 50 लाख रुपए मुआवजा, परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी एवं स्कूल की मान्यता रद्द करने जैसी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं जो उनका अधिकार भी है लेकिन इनकी आवाज को लाठी के दम पर जबरन कुचला जा रहा है।


राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत जी जो गृह विभाग के मुखिया भी है वह हिंदुस्तान के इतिहास में सबसे विफल और नाकाम गृहमंत्री साबित हुए हैं जिनके नियंत्रण में कानून व्यवस्था के नाम पर कुछ भी नहीं है.


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राठौड़ ने कहा कि राजस्थान में आईपीसी की जगह GPC यानी गहलोत पैनल कोड का शासन है जहां अपराधियों के हौसले बुलंद है और आमजन दहशत के साए में जीवन जीने को मजबूर है.


राठौड़ ने कहा कि गहलोत के जंगलराज में दलित वर्ग पर अत्याचार की पराकाष्ठा हो चुकी है. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार दलितों पर अत्याचार के मामले में राजस्थान देश में तीसरे पायदान पर है. कांग्रेस दलित हितैषी होने का ढोंग बंद करें क्योंकि राज्य सरकार का यह कार्यकाल काले इतिहास के रूप में दर्ज होगा.


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