Jalore:  जालोर के मोदरा चोकी क्षेत्र के धानसा गांव की वाडुकी नाड़ी में सोमवार दोपहर को एक दिल दहलाने वाली घटना हो गई. घटना को देख हर किसी का दिल पसीज गया. हालांकि इसमें कोई मानव जन हानि तो नहीं हुई,


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लेकिन जो नुकसान हुआ उसे जुटाने के लिए वो जीवन खपा चुके थे. दरअसल,धानसा गांव से करीब 6 किलोमीटर वाडुकी नाडी के पास जेताराम व पिंटाराम पुत्र कानाराम देवासी दो भाइयों की ढाणी है. दोनों पशुपालक है. सोमवार दोपहर को ढाणी में अचानक आग लग गई और कुछ देर में छप्पर और घास फूस का बना घर जलने लगा.


 हालांकि महिलाएं और बच्चों ने किसी तरह अपने आप को आग से बचाया,लेकिन अपना कीमती सामान और मवेशी नहीं बचा पाए. सूचना पर ग्रामीण व मौदरा चोकी प्रभारी सुरेंद्र सिंह राव मय जाब्ता मौके पर आए और आग पानी डाल कर काबु किया लेकिन बुझने से पहले आग बड़ा नुकसान कर चुकी थी.बाद में पुलिस, पटवारी और अन्य जनप्रतिनिधि ने मौका निरीक्षण कर फर्द तैयार की.


एक झोपड़े में लगी आग ने दूसरे को भी चपेट में ले लिया.आग ने देखते ही देखते पूरी ढाणी को अपनी चपेट में ले लिया. इस कारण आग से ढाणी में एक ड्रम में रखे करीब 8 लाख रुपये नकदी नोट जल गए. साथ करीब 15 तोला सोने के जेवर भी जल गए. डेढ़ किलो चांदी के गहने भी आग की भेंट चढ़ गए.


आग लगी तो तेज हवा के चलते आग ने अचानक तेज लौ पकड़ ली,महिलाएं बच्चे अपने आप को बचाने के लिए मौके से भागे, लेकिन तारबंदी के अंदर बाड़े में बांधी हुई भेड़ बकरियां उसकी चपेट में आ गई. जिस कारण 34 मवेशी आग से झुलस कर मर गए.कुछ छोटे मेमने तो कंकाल में बदल गए. उनकी हड्डियां तक जल गई. इस हृदय विदारक दृश्य को देखकर ग्रामीणों की आंखों में भी आंसू आ गए. फिलहाल आग के कारणों का पता नहीं पाया है.


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