Rajasthan News: जालोर जिले के रानीवाड़ा क्षेत्र सहित आसपास के ग्रामीण इलाको में बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है. पश्चिमी विक्षोभ साइक्लोन व बे मौसम बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया है. फरवरी माह में 14 mm बारिश होने से पकने के कगार पर खड़ी फसलों को नुकसान, तो हुआ ही था कि फिर बची खुची कसर शनिवार को लगभग 10 से 12mm हुई बारिश ने निकाल दी और पूरी तरह फसलों को साफ कर दिया. 


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बेमौसम बारिश से फसल हुई खराब 


रानीवाड़ा सहित आसपास गांव मेडा गोलवाड़ा, जालेरा, लाखावास, रोपसी सेवाड़ा सांकड़ में मौसम के बदलते मिजाज के बाद मावठ ने किसानों के मुंह में आया निवाला छीन लिया है. कुछ तो फसलों में लगने वाले चर्म रोग व कीट ने किसानों के अरमानों पर पानी फेर दिया था. वहीं, मौसम के बदले मिजाज ने जीरे की फसल को भी जीरो पर लाकर रख दिया है. क्षेत्र में रायड़ा, जीरा, ईसबगोल की फसलों की किसानों ने अधिक बुवाई की थी, लेकिन रबी फसलों की बुवाई के समय अधिक तापमान की मार अब पकने के कगार पर पहुंची तो फसलों पर मावठ ने कहर बरपा दिया है. 


राम के रूठने के बाद अब राज से मुआवजे की आस
किसानों ने अब सरकार से आस लगाई है कि फसलों को हुए नुकसान के लिए सरकार आगे आएगी और उनका दुख समझेगी, उनको मुआवजा मिलेगा, ताकि वो अपना कृषि जीवन फिर से यापन कर सकें. कृषि विभाग के आंकड़ों की मानें, तो क्षेत्र में कुल 35 हजार हेक्टेयर में फसल बोई हुई है, जिसमे 3400 हेक्टेयर जीरा, 18000 हेक्टेयर सरसो, 6000 हेक्टेयर गेहूं सहित 3500 हेक्टेयर में ऐरण्डी व ईसबगोल की खेती की हुई है. मावठ की बेमौसम बारिश ने फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है. ऐसे में किसान खड़ी फसल को नष्ट कर फिर से बुआई के लिए मजबूर हो गए हैं. क्षेत्र में कई जगह किसानों ने मावठ में खराब हुई फसलों को नष्ट कर फिर से बुआई की है. ऐसे में किसान फिर से कर्ज की मार झेलने को मजबूर हो गया है. 



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