Jalore News, जालौर: जिले में इन दिनों खेतों में रबी की फसल बोई जा रही है, कुछ फसले अंकुरित हुई तो कुछ फसले अंकुरित हो रही है, लेकिन जिले के कई गांवों में टिड्डी दल ने हमला कर अंकुरित फसलों को शत-प्रतिशत नष्ट कर दिया है. 


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खासकर जीरे की फसल को पूरी तरह से कर नष्ट कर दी है. बागोड़ा व सायला उपखंड क्षेत्र के कई गांवों में टिड्डी दल ने खेतों में अंकुरित हो रही फसलों को चटना शुरू कर दिया है, जिसके चलते खेत के खेत खाली हो गए हैं. जिले के मोरसीम के किसानों ने बागोड़ा तहसीलदार चमनलाल को टिड्डी दिखाकर टिड्डियों दलकों नष्ट करने की मांग की.  तहसीलदार ने तुरंत कृषि अधिकारियों को सूचित कर मौका देखकर समाधान की बात कही. 


किसानों ने बताया कि उक्त टिड्डियों पर दवाओं का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. कई जानकार किसानों ने उक्त टिड्डियों पर किटनाश्क दवाओं का छिड़काव भी किया, लेकिन टिड्डियों पर इन दवाई का कोई असर नहीं हो रहा है, जिसके चलते किसान चिंतित हो रहे हैं.  


सहायक कृषि अधिकारी सोहन कुमार बागोड़ा ने बताया कि टिड्डी चार तरह की होती है, यह जो टिड्डी है, उसे माईग्रेट्री लोकेट टिड्डी कहते हैं. यह एक राज्य से दूसरे राज्य में जाती हैं. पूर्व में टिड्डी दल ने हमला किया था, जिसके कुछ अंडे जमीन में रह गए थे, उस अंडे से यह टिड्डी उत्पन हुई है, उस पर दवाईयों का छिड़काव करने पर काबू में लाई जा सकती है और उसे नष्ट किया जा सकता है. उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के रास्ते यह टिड्डी राजस्थान पहुंचती हैं. पूर्व में जो टिड्डी भारत आई थी वो भी पाकिस्तान के रास्ते भारत आई थी. 


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समय रहते अगर इन टिड्डी दलों पर काबू पा लिया जाता है तो ठीक है नहीं तो फिर यह टिड्डी रात के समय में जमीन के अंदर अंडे देती है, जो सुबह बाहर निकलकर उड़ जाती हैं. बुजुर्ग बताते है कि करीब 35 साल पहले इस तरह का एक टिड्डी दल आया था, जिससे हजारों एकड़ खेती को नष्ट किया गया था. उस समय इतने संसाधन नहीं थे, हालांकि अब तो सरकार के पास बहुत से संसाधन उपलब्ध है, लेकिन समय पर काबू पाना अति आवश्यक है, नहीं तो किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. 


Reporter-Dungar Singh