जालोर- सचिव ने किया छात्रावासों का निरीक्षण, सुविधाओं के बारे में ली जानकारी
सचिव ने जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय सावित्रीबाई फुले महाविद्यालय स्तरीय कन्या छात्रावास का निरीक्षण किया और वहां पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की. उन्होंने छात्राओं के निवास के कक्षों, रसोई घर का निरीक्षण किया और जानकारी प्राप्त की.
Jalore: राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर ओर से चलाए गए अभियान अस्पृश्यता से मुक्ति और अत्याचारों की रोकथाम अभियान के तहत निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश विरेन्द्र कुमार मीणा ने शहर के विभिन्न राजकीय छात्रावासों का निरीक्षण किया और अस्पृश्यता से मुक्ति और अत्याचारों की रोकथाम को लेकर विद्यार्थियों को जागरूक किया गया.
सचिव ने जिला मुख्यालय पर स्थित राजकीय सावित्रीबाई फुले महाविद्यालय स्तरीय कन्या छात्रावास का निरीक्षण किया और वहां पर मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की. उन्होंने छात्राओं के निवास के कक्षों, रसोई घर का निरीक्षण किया और जानकारी प्राप्त की. तत्पश्चात् उन्होंने राजकीय देवनारायण आदर्श बालिका छात्रावास और सावित्रीबाई फुले बालिका छात्रावास का भी निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया. उन्होंने छात्रावासों में मिलने वाली सुविधाओं के बारे में छात्राओं से वार्तालाप की और जानकारी ली.
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इस दौरान उन्होंने उपस्थित कर्मचारियों को निर्देश दिए कि छात्राओं को नियमानुसार शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाया जाएं एवं नियमानुसार सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए. उन्होंने विधिक जागरूकता शिविरों का भी आयोजन किया और विद्यार्थियों के अधिकारों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम, अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के बारे में भी जानकारी दी. इस दौरान सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक सुभाषचंद्र मणि और हॉस्टल वार्डन लकमाराम भी उपस्थित रहे.
छात्राओं ने बताई यह पीड़ा
हॉस्टल का निरीक्षण करने पर सावित्रीबाई फुले छात्रावास की छात्राओं ने कई कक्षों में जालियों के कांच टूटे होने के संबंध में उन्हें ठीक करवाने, कक्षां की मरम्मत करवाने का अनुरोध किया. इसी प्रकार अन्य छात्रावास परिसरों में पानी का भराव होने से आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. छात्राओं ने बताया कि तीनों हॉस्टलों में से किसी भी हॉस्टल में महिला वार्डन नियुक्त नहीं है, जिनसे छात्राओं को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
मरम्मत की जताई आवश्यकता
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि छात्रावासों की मरम्मत की आवश्कता है, छात्राओं ने भी कक्षों की मरम्मत करवाने का निवेदन किया, जिस पर सचिव ने उपस्थित अधिकारी को कहा कि इस बारे में आवश्यक कार्रवाई की जाए.
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