Bhinmal: बागोड़ा उपखण्ड में रोड की खस्ताहाल देखते हुए भी पीडब्ल्यूडी विभाग स्वीकृत सड़क का निर्माण नहीं करवा रहे हैं.  प्रशासन को दिए गए समय रहते सड़क मार्ग का कार्य और खड्ढों की भरपाई नहीं करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई है. साथ ही मुख्य मार्गों पर गहरे गड्ढे मुसीबत का कारण बन रहे हैं. बागोड़ा कस्बे में लंबे समय से जर्जर सड़कों की हालत अब हादसे को बुला रही है, लेकिन लोगों का कहना है कि नेता को वोट दिखते है सड़के नहीं. हालात को देखते हुए भी प्रशासन भी मौन दिखाई दे रहा है.


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पिछले दिनों हुई बारिश से सड़कों में जलभराव है. जिससे सड़क पर गहरे गड्ढे होने से राहगीरों को सफर करना जान जोखिम में डालने से कम नही हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और नेताओं का ध्यान इस समस्या की ओर बिल्कुल भी नहीं जा रहा है. विभागीय अधिकारियों की उदासीनता का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा हैं.
बता दें कि 12 माह पूर्व सड़क स्वीकृत होने के बावजूद अधिकारियों ने इसे निर्माण करवाने की सुध नहीं ली है. जनता को सुविधाएं प्राप्त कराने के प्रति अधिकारियों के साथ साथ क्षेत्र के नेता भी बेपरवाह बने हुए हैं.


बागोड़ा से सिणधरी मार्ग और गुड़ामालानी जाने वाली सड़क पर हर रोज सैकड़ो की संख्या में गुजरने वाले वाहन चालकों सहित राहगीरों को बड़ी मुश्किल से सड़क पार करनी पड़ रही हैं. कस्बे के सिणधरी चौराहे से सरकारी हॉस्पिटल, पंचायत समिति कार्यालय, सीबीईओ ऑफिस, बालिका विद्यालय, सहित मुख्य कार्यालय और मंदिर होने से इसी रास्ते से दिनभर ग्रामीणों सहित अधिकारियों का आना जाना रहता है, लेकिन पानी निकासी नहीं होने से सड़क पर ही कीचड़ फैल रहा हैं.


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इन मार्गों पर फैला हुआ है कीचड़
सड़कों की बात करें तो मुख्य सड़कों की बदहाली जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की आईना बनी हुई है.  कस्बे से निकलने वाले मुख्य स्टेट हाइवे के पर आशापुरा मन्दिर के पास सड़के के बीचों बीच अत्यधिक गहरे गड्ढे हो गए हैं.  जिसमें से सफर करना किसी आफत से कम नहीं है. वहीं दूसरी ओर सिणधरी जाने वाले स्टेट हाइवे पर बालिका स्कूल के पास कई दिनों से बरसाती पानी जमा होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं. 


गहरे गड्ढे होने से चोटिल हो रहे बाइक सवार
जलभराव के कारण सड़क पर बने गड्ढे का पता नहीं चल पाता है.  जिससे रोजाना कई लोग गिरकर घायल हो रहे हैं. साइकिल और बाइक सवार अगर सावधानी नहीं बरतें तो उनका गिरना तय है. साथ ही रास्ते पर पैदल चलना भी मुश्किल साबित हो रहा है. काफी दिनों से समस्या जस की तस बनी हुई हैं.


समस्याओं को देखते हुए अब लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि सड़क के दोनों किनारे दर्जनों दुकानें, सरकारी अस्पताल सहित चिकित्सकों के क्लीनिक और मेडिकल, बालिका स्कूल, सहित संबंधित विभाग के कार्यालय आदि भी स्थित हैं.  जिससे क्षेत्रीय लोगों सहित विद्यार्थियो का आना-जाना लगा रहता है. वाहन सवार तो किसी तरह निकल जाते हैं लेकिन पैदल राहगीरों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं.


Reporter: Dungar Singh


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