Jhalawar: प्रदेश सरकार द्वारा आमजन को त्वरित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने के लिए लागू किए गए राइट टू हेल्थ बिल का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. चिकित्सकों और सरकार के बीच अभी भी कोई बात बनती नजर नहीं आ रही है. ऐसे में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेतृत्व में शुक्रवार देर शाम सेवारत, निजी और रेजिडेंट चिकित्सकों ने झालावाड़ मेडिकल कॉलेज के डीन कार्यालय से मामा भांजा चौराहा तक कैंडल मार्च निकाला और प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए गए राइट टू हेल्थ बिल का विरोध करते हुए सरकार से इस बिल को वापस लेने की मांग की.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इस दौरान कैंडल मार्च में शामिल हुए चिकित्सकों ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन झालावाड़ के अध्यक्ष कमलेश विजय ने बताया कि राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में सभी चिकित्सक अलग अलग तरीके से हर दिन विरोध कर रहे हैं. शुक्रवार शाम को भी डीन कार्यालय से लेकर मामा भांजा चौराहा तक कैंडल मार्च निकाला गया है. जिसमें रेजिडेंट्स एसोसिएशन, आई.एम.ए. व मेडिकल कॉलेज के छात्र शामिल हुए हैं.


डॉक्टर कमलेश विजय ने कहा कि सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल लाकर चिकित्सकों को ऐसे दोराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है, जहां निजी चिकित्सकों द्वारा संचालित अस्पतालों को बंद करना पड़ जाएगा और नए निजी अस्पताल खोलना तो अब संभव ही नहीं होगा. डॉक्टर कमलेश विजय इन्हें राइटवेल तो दिल को चिकित्सकों के लिए काला कानून बताते हुए कहा कि, जब तक सरकार से कोई सकारात्मक वार्ता नहीं होती है, तब तक जिले में चिकित्सकों द्वारा की जा रही हड़ताल व आंदोलन जारी रहेगा. गौरतलब है कि पूरे राजस्थान में राइट टू हेल्थ बिल का विरोध किया जा रहा है.


ये भी पढ़ें-


राजस्थान में आज से महिलाओं की बल्ले-बल्ले, रोडवेज बसों में देना होगा आधा किराया


Dholpur News: नाबालिग के अपहरण के मामले आरोपी को सजा, 20 हजार का जुर्माना भी