Jhalawar News: राजस्थान के झालावाड़ जिले में कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट को शायद ग्रहण ही लग गया है. ऐसा इसलिए क्योंकि थर्मल पावर प्लांट की कभी पहली यूनिट बंद हो जाती है, तो कभी दूसरी यूनिट बंद हो जाती है. दोनों ही यूनिट से सतत विद्युत उत्पादन बिल्कुल भी नहीं मिल पा रहा. रविवार देर शाम को भी कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट तकनीकी खामी के कारण एक बार फिर से बंद हो गई है. 


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ऐसे में फिलहाल दूसरी यूनिट से ही कम लोड पर विद्युत उत्पादन मिल पा रहा. हालांकि थर्मल इंजिनियर्स मेंटेनेंस कार्य में जुटे हुए हैं. झालावाड़ के कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट की पहली यूनिट में देर शाम को तकनीकी खामी आई, जिसके चलते बंद हो जाने से उससे विद्युत उत्पादन ठप्प हो गया.



गौरतलब है कि प्लांट की इस पहली यूनिट को वार्षिक मेंटेनेंस के नाम पर करीब एक माह तक बंद रखा गया था. जिसके बाद गत सात नवंबर को ही प्रथम यूनिट को लाइट अप किया गया था, लेकिन महज चार दिन में ही पहली यूनिट में फिर से तकनीकी खामी आ गई. इंजीनियर के मुताबिक सेफ्टी वॉल में लीकेज पाया गया है.



ऐसे में शटडाउन कर मेंटेनेंस कार्य शुरू कर दिया गया है. जल्द ही पहली यूनिट को चालू कर लिया जाएगा. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि जिस यूनिट को वार्षिक मेंटेनेंस के नाम पर एक माह तक बंद रखा गया. वहीं यूनिट चालू करने के महज चार दिन के भीतर ही तकनीकी खामी के कारण फिर से बंद हो गई, तो एक माह तक मेंटेनेंस के नाम पर क्या किया गया.



कालीसिंध थर्मल पावर प्लांट में 600-600 मेगावाट की दो यूनिट है. जिससे 1200 मेगावाट प्रति घंटा विद्युत उत्पादन होता है, लेकिन बीते कई महीनो से दोनों यूनिट सतत विद्युत उत्पादन नहीं दे पा रही. हाल ही के दिनों में किसानों को रबी की फसल में सिंचाई हेतु बिजली की अधिक जरूरत हो रही है, लेकिन उत्पादन कम होने से किसानों को भी अघोषित बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है.