Jhalawar: अनाथ बेटियों की शादी में पूरा शहर बना अभिभावक.जिसके बाद झालावाड़ की श्री कृष्ण गोशाला समिति ने बेसहारा हुई इन दोनों बहनों की परवरिश की जिम्मेदारी ली और उनका शिक्षण कार्य पूरा करवाया. जिसके बाद अब दोनों बहनों का कन्यादान कर विवाह भी संपन्न करवा दिया गया.


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 श्री कृष्ण गोशाला समिति झालावाड़ के इस सारोकार के कार्य में झालावाड़ शहर वासियों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया और दोनों बेटियों को कन्यादान सामग्रियां भेंट की.


बिटिया पूजा का कन्यादान गोशाला समिति अध्यक्ष दिलीप मित्तल दंपत्ति ने किया,तो वहीं, बिटिया मीनाक्षी का कन्यादान गोशाला समिति संरक्षक शैलेंद्र यादव दंपत्ति द्वारा किया गया. श्री कृष्ण गोशाला परिसर में आयोजित इस विवाह समारोह में पूरा झालावाड़ शहर ही दोनों बहनों का पीहर पक्ष बन गया और धूमधाम से विवाह संपन्न करवाया गया.


खास बात यह रही कि दोनों बहनों का पाणीग्रहण संस्कार व फेरे भी गोशाला की गोवंश के बीच संपन्न किया गया,जो अपने आप में एक अनूठी पहल रही.इस ऐतिहासिक सामाजिक सरोकार को निभाने में अहम भूमिका रखने वाले श्री कृष्ण गोशाला समिति के संरक्षक समाजसेवी शैलेंद्र यादव ने बताया कि करीब 4 वर्ष पूर्व की बात है,जब माथनिया निवासी दंपत्ति नेमीचंद तथा गुड्डी बाई का एक दुर्घटना में निधन हो गया था. उनकी दो बेटियां पूजा तथा मीनाक्षी के सिर से माता पिता का साया उठ गया.


 जब यह जानकारी उनके पास पहुंची थी,तो गोशाला समिति के सदस्यों से चर्चा कर दोनों बेटियों की पढ़ाई तथा भरण पोषण खर्च की जिम्मेदारी ली.जिसके बाद से ही पूजा और मीनाक्षी दोनों बहने अच्छे विद्यालयों में अध्ययन कर रही थी,जिसका खर्च भी गौशाला समिति द्वारा ही उठाया जा रहा था. दोनो बेटियों की उम्र के अनुरूप श्री कृष्ण गोशाला समिति ने उनके विवाह हेतु अच्छी जगह संबंध किए और देर शाम दोनों बहनों का कन्यादान कर उन्हें वैवाहिक जीवन में प्रवेश दिलाया.


 श्री कृष्ण गोशाला समिति द्वारा किए गए इस कार्य में झालावाड़ शहर वासियों का भी भरपूर सहयोग मिला.दोनों बेटियों को करीब 11-11 लाख रुपए से अधिक की कन्यादान सामग्रियां समिति और शहरवासियों के माध्यम से भेंट की गई है,तो वहीं करीब 3 हजार से अधिक लोगों को देसी घी से बनी भोजन प्रसादी ग्रहण करने का शुभ अवसर मिला.


बेसहारा दोनों बेटियों की मदद कर श्री कृष्ण गोशाला समिति का पूरा परिवार भी खुद को गौरवान्वित महसूस कर रहा है. इसकी प्रेरणा भी उन्हें ईश्वर के माध्यम से ही मिली है.उधर दोनों बहनों पूजा और मीनाक्षी ने भी कहा कि उन्हें कभी महसूस नहीं हुआ कि उनके माता-पिता इस दुनिया में नहीं है. श्री कृष्ण गोशाला समिति झालावाड़ ने कभी भी अपने माता-पिता की कमी महसूस नहीं होने दी. वे कभी सपने में नहीं सोच सकती थी,कि उनका विवाह इस तरह संपन्न होगा.


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