झालावाड़: अनाज मंडियों में जिंसों की भरमार, तुलाई के लिए सड़कों पर लगी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों की कतारें
Jhalawar: झालावाड़ जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों की फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है और इसके लिए जिलेभर में 13 खरीद केंद्र भी बनाए हैं, जहां पर राजफैड के द्वारा 11 और तिलम संघ के द्वारा 2 केंद्र बनाए गए हैं.
Jhalawar: झालावाड़ जिले में समर्थन मूल्य पर किसानों की फसलों की सरकारी खरीद शुरू हो चुकी है और इसके लिए जिलेभर में 13 खरीद केंद्र भी बनाए हैं, जहां पर राजफैड के द्वारा 11 और तिलम संघ के द्वारा 2 केंद्र बनाए गए हैं.
जहां पर सोयाबीन और उड़द की खरीद होगी, लेकिन किसान सरकार को सोयाबीन बेचने में जरा भी रुचि नहीं ले रहे हैं, क्योंकि किसानों को बाजार में सोयाबीन की कीमत समर्थन मूल्य से अधिक मिल रही है, ऐसे में किसानों का रुझान खुले बाजार में अपनी कृषि उपज बेचने में ज्यादा नजर आ रहा है.
अनाज मंडियों में कृषि जिंसों की आवक अधिक होने के चलते मंडियां भी फुल हो चुकी है और लगातार मंडी के गेट बंद कर अलग-अलग वक्त पर ही किसानों के वाहनों को प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन सोयाबीन की सरकारी खरीद के प्रति किसानों में बिल्कुल उत्साह नजर नहीं आ रहा है. हालांकि उड़द की फसल को खरीद केंद्रों पर बेचने के लिए किसानों ने पंजीयन जरूर करवाया है.
गौरतलब है कि जिले में सोयाबीन और उड़द की फसल की अच्छी आवक होने के चलते जिले की सभी कृषि उपज मंडियों में रिकॉर्ड आवक हो रही है. ऐसे में कृषि मंडी में कृषि जिंस को रखने के लिए जगह भी नहीं बची है, ऐसे में मंडी प्रशासन के द्वारा मंडियों के गेट बंद करने पड़ रहे हैं.
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वहीं सरकार के द्वारा सोयाबीन खरीद का समर्थन मूल्य लगभग 4,300 रूपये चल रहा है, जबकि बाजार में 5,200 रूपये से ज्यादा खरीद का भाव चल रहा है. ऐसे में किसानों की रूचि खुले बाजार में अपनी फसल बेचने को लेकर नजर आ रही है.
वहीं उड़द का समर्थन मूल्य और बाजार भाव लगभग बराबर होने से किसान कृषि मंडियों में भी उड़द की फसल लेकर पहुंच रहे हैं. साथ ही मक्का की फसल भी किसान लेकर कृषि मंडियों में आ रहे हैं, लेकिन दीपावली के त्योहार के बाद से जब से कृषि मंडियां खुली है, तब से भारी आवक के चलते मंडियों में कृषि जिंसों से लदे वाहनों की भीड़ देखी जा रही है, ऐसे में किसानों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
Reporter: Mahesh Parihar
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