Jhalawar Crime News: झालावाड़ के साइबर थाना पुलिस ने पिछले  दिनों एक वृद्धा पेंशनर के साथ हुए 5 लाख 56 हजार रुपए के फाइनेंशियल फ्रॉड के एक सनसनीखेज मामले का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया. इसके साथ ही पुलिस ने फ्रॉड करने वाले मास्टरमाइंड आरोपी को भी गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. साथ ही फ्रॉड की राशि अन्य खातों में ट्रांसफर होने पर उन खातों को भी सीज किया गया है.


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 पूरे मामले की जानकारी देते हुए झालावाड़ पुलिस अधीक्षक रिचा तोमर ने बताया कि भवानीमंडी की एक वृद्धा ने झालावाड़ साइबर थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी, कि वृद्धा की पति की मृत्यु होने के बाद जब उसने अपने पड़ोसी को मृत पति के बैंक अकाउंट से पैसे निकलवाने के लिए बैंक भेजा, तो उनके बैंक अकाउंट में मात्र 14 हजार रुपए होने की बात सामने आई. वृद्धा को शक होने पर उसने अपने पति के खाते की बैंक डिटेल निकलवाई, जिसमें पाया कि पति के मरने के 6 महीने पहले खाते से 5.56 लाख रुपए का अलग अलग बैंकों में यूपीआई ट्रांजैक्शन हुआ है. जबकि उसके पति द्वारा किसी प्रकार की नेट बैंकिंग का प्रयोग नहीं किया जाता था ,नहीं पति के पास एंड्रॉयड फोन था, जिससे कि यूपीआई ट्रांजैक्शन किया जा सके .



मामले की गंभीरता को लेते हुए पुलिस अधीक्षक ने एक विशेष टीम का गठन किया. जिसके बाद साइबर टीम के द्वारा विभिन्न बैंकों में खाते से हुए यूपीआई ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड खंगाला गया तथा तकनीकी विश्लेषण के आधार पर पूरे फ्रॉड में पीड़िता के भतीजे आरोपी मनोज शर्मा को भवानीमंडी थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है.


रिचा तोमर ने बताया कि पीड़िता वृद्धा के पति के पास कीपैड मोबाइल था और उसे लकवे की बीमारी होने के कारण आरोपी भतीजे मनोज शर्मा ने इसका फायदा उठाया. आरोपी ने कीपैड मोबाइल से सिम निकाल कर अपने एंड्राइड मोबाइल में डाल ली तथा मौका पाकर अपने खातों में यूपीआई ट्रांजैक्शन करता रहा. आरोपी के द्वारा पैसे ट्रांजैक्शन के बाद सिम को वापस कीपैड मोबाइल में डाला दिया जाता था, जिससे तीन-चार महीनों में ही वृद्धा पति के खाते से लगभग साढ़े 5 लाख रुपए का ट्रांजैक्शन अलग-अलग खातों में कर दिया गया.