छोटे भाई की बरसी से पहले बड़ा भाई शहीद, छह साल की बेटी निर्वि ने दी पिता को मुखाग्नि
झुंझुनू निवासी सेना में सिपाही रहे जयसिंह बांगड़वा की फिजिकल टेस्ट के दौरान हार्ट अटैक से निधन हो गया. शुक्रवार को सैन्य सम्मान से उनका पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनकी छह साल की बेटी निर्वि ने उन्हें मुखाग्नि दी.
Jhunjhunu: झुंझुनूं जिले के दुड़िया गांव के ग्रामीणों को जहां फक्र हो रहा था. वहीं उनके आंसू भी रूकने का नाम नहीं ले रहे थे. दुड़िया के लाडले शहीद जयसिंह बांगड़वां की अंतिम विदाई में एकत्रित हुए सभी गांववालों की आंखे नम थी.
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करीब सालभर पहले देश सेवा करते जान गंवाने वाले शहीद पिंटू बांगड़वा के बड़े भाई जयसिंह ने भी देश सेवा में अपनी जान को कुर्बान कर दिया. दोनों भाइयों की शहादत अब गांव के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए मिसाल बनेगी. क्योंकि शहीद जयसिंह बांगड़वा के भाई शहीद पिंटू का स्मारक बन रहा था जो अभी पूरा नहीं हुआ है.
बेटी निर्वि ने दी अपने पिता को मुखाग्नि
बड़े बेटे के शहीद होने के बाद परिवार के लोगों ने फैसला लिया है कि अब दोनों भाइयों की मूर्तियां एक साथ एक ही स्मारक में लगाई जाएगी. जो संभवतया देश में पहली बार होगा कि जब दो भाइयों ने देश के लिए कुर्बानी दी. इससे पहले शहीद जयसिंह बांगड़वा का शुक्रवार को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया. शहीद जयसिंह की छह साल की बेटी निर्वि ने अपने पिता को मुखाग्नि दी. यह दृश्य देखकर हर व्यक्ति की आंखे नम हो गई.
बता दें कि शुक्रवार को सुबह शहीद जयसिंह बांगड़वा का पार्थिव देह गुढ़ा पहुंचा. गुढ़ा पंहुचने के बाद शहीद की पार्थिव देह को 4 किलोमीटर तिरंगा रैली के साथ गुढ़ा से होते हुए उनके पैतृक गांव दुड़िया पहुंची. इस दौरान रास्ते में झुंझुनूं के इस लाडले को अंतिम विदाई देने के लिए भारी संख्या में लोग मौजूद रहे.
दुड़िया गांव के विभिन्न मार्गों से होती हुई उनकी पार्थिव देह उनके पैतृक आवास पंहुची. जैसे ही उनकी पार्थिव देह उनके आवास पंहुचे तो घर में कोहराम मच गया. वीरांगना सोनू कुमारी बेसुध हो गई. सामाजिक रस्मों रिवाजों के बाद उनकी पार्थिव देह को अंत्येष्टि स्थल पहुंचाया गया जहां पर जयपुर से आई जाट बटालियन की 9 सदस्य टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
वहीं नायब सूबेदार बिजूजी ने शहीद के परिजनों को तिरंगा सौंपा. शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए सैनिक कल्याण राज्य मंत्री राजेंद्रसिंह गुढ़ा, सांसद नरेंद्रकुमार, एसडीएम रामसिंह राजावत, एएसपी डॉ. तेजपाल सिंह, डिप्टी सतपाल सिंह, पूर्व विधायक शुभकरण चैधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मावंडिया, तहसीलदार सुभाष स्वामी सहित अनेक जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों पहुंचे. सभी ने शहीद को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रंद्धाजलि दी.
आपको बता दें कि दुड़िया के ताराचंद बांगड़वा के दो बेटे थे. इनमें से 11 माह पहले छोटे बेटे पिंटू बांगड़वा ने देश के लिए शहादत दी थी.19 अक्टूबर की सुबह बैंगलूरू की पैरा यूनिट में तैनात जयसिंह की अचानक तबियत बिगड़ी जिसके बाद उन्हें सैना के अस्पताल ले जाया गया. जहां उन्होंने वीरगति पाई. पिता ने बताया कि उनकी फोन पर शहीद जयसिंह बांगड़वा से जब अंतिम बार बात हुई थी तो उन्होंने 22 अक्टूबर को गांव आने की बात कही थी. लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उनका बेटा 22 अक्टूबर से भी एक दिन पहले तिरंगे में लिपटकर आएगा.
Reporter: Sandeep Kedia