सतीश पूनिया का सीएम गहलोत सरकार पर हमला, बोले- सरकार वीक इसलिए पेपर लीक
Forest guard exam leak: वनरक्षक की एक परीक्षा को रद्द कर दिया गया है, जिसके बाद डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार वीक है इसलिए ही पेपर लीक हो रहे हैं.
Jhunjhunu News, झुंझुनूं: कल सरकार ने पेपर लीक होने के कारण वनरक्षक की एक परीक्षा को रद्द कर दिया है, जिसके बाद बीजेपी भी हमलावर हो गई है. बीजेपी के नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया है कि बिना राजनीतिक संरक्षण के लगातार परीक्षाओं के पेपर लीक नहीं हो सकते हैं.
झुंझुनूं में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि सरकार वीक है इसलिए ही पेपर लीक हो रहे हैं. प्रदेश की सरकार नौजवानों के साथ इतना बड़ा पाप कर रही है.
यदि सरकार गंगा में 100 डूबकी भी लगा ले तो उनके पाप नहीं धुल सकते हैं. उन्होंने कहा कि मां-बाप बड़े अरमानों के साथ अपना पेट काटकर बच्चों को पढ़ाता है कि उनके बच्चों को सरकारी नौकरी मिल जाए, लेकिन यह सरकार 70 लाख युवाओं को परीक्षा दिलवाती है. एक लाख को नौकरी देने का ढिंढोर पिटती है, लेकिन 69 लाख युवाओं के अरमानों के बारे में कुछ नहीं सोचती.
यह पाप सरकार ने केवल नौजवानों के साथ ही नहीं किया. बल्कि यही पाप उन्होंने किसानों और अबलाओं के साथ भी किया है. पहले नौजवानों को बेरोजगारी भत्ते के नाम पर ठगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रमाणिक तरीके से संगठित नकल, लीक माफिया पैदा हो गया है. इनके सरगना कोई और नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही हैं.
डॉ. पूनिया ने कहा कि सरकार ने नकल और पेपर माफियाओं को छूट दे रखी है. इससे जुड़े माफियाओं को सरकार का संरक्षण है. सरकार ने जो कानून बनाया, उसके मुताबिक कार्रवाई नहीं की. बिना सरकार के हाथ के लगातार इस तरह के कांड नहीं होते और पेपर लीक नहीं होते. उन्होंने भाजयुमो से आह्वान किया है कि वे नौजवानों के बीच जाए और उनकी आवाज बने.
इधर, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी पेपर लीक मामले में सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि केवल वन रक्षक भर्ती परीक्षा ही नहीं. बल्कि सरकार के दर्जनों परीक्षाओं के पेपर लीक हुए है. नकल करवाई गई है. अब वन रक्षक भर्ती परीक्षा रद्द होना सरकार के मुंह पर तमाचा है और बेरोजगारों के साथ खिलवाड़ है.
एक बार फिर साबित हो गया है कि इस सरकार में पेपर माफियाओं की जड़ें गहरी है. उन्होंने कहा कि पूरे परीक्षा सिस्टम के साथ पेपर माफिया जुड़ गए है, जो सरकार दावे कर रही है कि उन्होंने एक लाख नौकरियां दे दी हैं. अब इन सभी परीक्षाओं पर सवाल खड़े हो गए हैं.
उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र हुबहू बाहर आ जाना, सरकार का सबसे बड़ा फेलियोर है. राठौड़ ने सरकार द्वारा बनाए गए कानून को भी दंतहीन बताया है. उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन के बाद सरकार ने इस कानून का इस्तेमाल तक नहीं किया, जो लोग पूर्व की परीक्षाओं में लिप्त थे. उन्हें आज तक पकड़ा नहीं गया है. बाएं-दाएं से कुछ लोगों को पकड़ा, निलंबित किया और अब उन्हें फिर से बहाल कर दिया इसलिए माफियाओं के हौंसले बुलंद हो गए हैं.
कानून बनाना और पालना कराना, दोनों अलग बाते हैं. सरकार कानून की पालना कराने में फेल साबित हुई है. राठौड़ ने आरोप लगाया है कि परीक्षा के सिस्टम के साथ उच्च पदस्थ पर बैठे लगे लोग मिले हुए हैं, जिन्होंने न केवल नौजवानों के सीने पर खंजर घोपा है, बल्कि परीक्षा की पवित्रता को भी नष्ट कर दिया है.
Reporter- Sandeep Kedia