Jhunjhunu: राजस्थान के शेखावटी इलाके (सीकर, चुरू, और झुंझुनू ) में हुई बारिश से रबी फसलों की बुवाई आसान और कारगर साबती होगी. सालों बाद जमीन की नमी बढ़ने से इन जिलों में बारानी खेतों में फसल का अंकुरण फूटेगा. इसी के साथ जिलों में खेती का रकबा बढ़ने से सरसों, चना की फसलों से किसान अच्छी कमाई करेंगे. वहीं, मौसम के साथ देने से किसानों ने रबी की फसलों की बुवाई करनी शुरू भी कर दी है.
अच्छी फसल होगी तैयार
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, जमीन में नमी होने के कारण कीड़े- मकौड़ों की संभावना भी कम रहने से अच्छी फसल तैयार होगी. वहीं, केवल सीकर में एक लाख हेक्टैयर में बारानी खेती का अनुमान लगाया जा रहा है और 15 प्रतिशत सरसों और चना के उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकती है. साथ ही, सीकर में चना 60, गेहूं 85 हजार, जौ 32 हजार और सरसों 64 तारामीरा 20 हजार और चारा व सब्जियों की 32 हजार हेक्टेयर में बुवाई की जाएगी.
अच्छी बारिश से होगा फायदा ही फायदा
कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि राजस्थान में ज्यादा बारिश होने के कारण रबी की फसलों को फायदा ही फायदा होगा. कुछ सालों से सर्दी देरी के आने के कारण सरसों फलियां की फसले ज्यादा सर्दी के कारण बेकार हो जाती हैं, लेकिन इस साल सर्दी का सीजन जल्दी शुरू हो जाने से तेज सर्दी जल्दी नहीं आएगी. इससे सरसों और फली की फसले अच्छी होने की संभावना है.
बदला मौसम लेकर आया खुशियां
वहीं, सीकर में सरसों का 15 प्रतिशत उत्पादन ज्यादा होने की संभावना है और किसानों का कहना है कि इस बार 25 करोड़ रुपयों का उत्पादन बढ़ सकता है. इसके अलावा कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि इस बार करीब पांच लाख 34 हजार 701 मैट्रिक टन फसलों का उत्पादन हो सकता है, जो हर साल के उत्पादन से 70 हजार मैट्रिक टन ज्यादा होगा.
बढ़ी जमीन की नमी
किसानों ने कहा कि जिस सीजन में अच्छी बारिश होती है, उस साल फसल अच्छी होती है क्योंकि अच्छी बारिश सर्दी में भी साथ देती है. इस साल बारिश अच्छी रही है, इसलिए फसल अच्छी हो सकती हैं, जिससे किसानों को फायदा ही फायदा होगा. वहीं, जमीन में नमी होने के कारण काम कम समय में हो जाएगा.
बिजली की बढ़ेगी डिमांड
प्रदेश में अच्छी बारिश होने से इस बार रबी सीजन में बिजली की रिकॉर्ड डिमांड रहेगी. वहीं, कोयले की कमी होने से बिजली कंपनियों की इसकी चिंता सताने लगी है. जानकारी के अनुसार, अगले 15 दिनों में तय किया जाएगा कि किसानों को किस ब्लॉक में कितने घंटे बिजली की सप्लाई दी जाएगी. राजस्थान में नवंबर महीने से फरवरी महीने के बीच बिजली डिमांड 165400 मेगावाट तक हो सकती है.
उत्तरप्रदेश से ली जाएगी बिजली
बिजली कंपनियों का कहना है कि इस सीजन में उत्तरप्रदेश की बिजली कंपनियां से 1500 मेगावाट बिजली बैंकिंग प्रक्रिया के द्वारा ली जाएगी. यहां से बिजली खरीदने की बजाय बैंकिंग के रूप में ली जाएगी. मतलब जितनी बिजली लेंगे, उतनी लौटानी होगी. प्रदेश के जिन जिलों में प्री-मानसून की अच्छी बारिश हुई, वहां किसानों को ज्यादा फायदा ही फायदा होगा.