Jhunjhunu News:  जिलेवासियों के लिए अब एक और खुशखबरी आई है. जिला मुख्यालय के साथ लगते कंजर्वेशन रिजर्व घोषित बीड़ वन क्षेत्र गत दिनों काले हिरणों की शरणस्थली तो बना ही है, अब इसके साथ यह आमजन के लिए ताल छापर अभ्यारण्य की तर्ज पर जंगल सफारी शुरू करने जा रहा है. जिससे आमजन भी अब खुली जिप्सी द्वारा बीड़ भ्रमण का लुफ्त उठा सकेंगे.


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जी हां क्योंकि 22 मई को विश्व जैव विविधता दिवस पर इसका शुभारंभ किया जा रहा है और इसकी तैयारियां अंतिम चरण में चल रही हैं. वन विभाग एवं पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रयासों से बीड़ को अब इको ट्यूरिज्म में डेवलप किया जा रहा है. जंगल सफारी के माध्यम से अब देशी, विदेशी पर्यटक भी झुंझुनूं बीड़ का भ्रमण कर कुलांचे भरते हिरणों की सुबह और शाम अठखेलियां देख सकेंगे. वन विभाग के साथ पर्यटन विभाग की ओर से भी बीड़ में लगभग एक करोड़ 28 लाख रुपए के विकास कार्य करवाएं जा रहे हैं. इसके अलावा पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर खेतड़ी के बांसियाल और उदयपुरवाटी के मनसा माता क्षेत्र में भी लेपर्ड सफारी शुरू की जाएगी.


एक साल में हिरणों की बढ़ी संख्या


कंजर्वेशन रिजर्व घोषित बीड़ वन क्षेत्र में गत वर्ष बीकानेर से 48 के करीब चिंकारा एवं काले हिरण छोड़े गये थे. करीब एक साल के दौरान इन हिरणों की संख्या में बढ़ोतरी होकर अब 70 हो गई है. बीड़ इसके अलावा विदेशी पक्षियों की शरणस्थली माना जाता है. लोमड़ी, खरगोश, सर्प, मोर, चील, मोर समेत अन्य वन्य प्राणी बीड़ में बहुतायत पाए जाते हैं.


ऑनलाइन टिकट की भी होगी व्यवस्था



डीएफओ झुंझुनूं राजेंद्र कुमार हुड्डा ने बताया कि मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जयपुर के निर्देशानुसार बीड़ झुंझुनूं में जंगल सफारी शुरू करने के लिए जिप्सी गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन किया गया है. जिससे देशी, विदेशी पर्यटक तथा जिले के लोग बीड़ में भ्रमण कर इससे जुड़ी जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे. इसके लिए रणथंभौर, सरिस्का एवं ताल छापर की तर्ज पर ऑनलाइन टिकट बुकिंग शुरू करने जा रहे हैं. टिकट को लेकर जल्द रेट तय कर दिया जाएगा.


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1.28 करोड़ रूपए किए गए खर्च


पर्यटन विभाग के सहायक निदेशक देवेंद्र कुमार चौधरी ने बताया कि कंजर्वेशन रिजर्व घोषित बीड़ वन क्षेत्र को ट्यूरिज्म के रूप में डेवलप किया जा रहा है. यहां विभाग की ओर से लगभग एक करोड़ 28 लाख रुपए तक के निर्माण कार्य करवाए जा रहे हैं. जिसमें मुख्य द्वार, वाटर पार्क, वृक्षारोपण, गजरल निर्माण, वॉच टॉवर, साइन बोर्ड, झोंपड़े समेत अन्य कार्य शामिल हैं. जिले में हवेलियां और विरासत है उन्हें देखने सलाना लाखों पर्यटक आते हैं और एक या दो रात झुंझुनूं में विश्राम करते हैं. उसी तरह अब यह बीड़ में प्रकृति के साथ रूबरू होने के लिए एक रात और झुंझुनूं रूक सकेंगे.