झुंझुनूं के पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने CM पर लाया आरोप, कहा- सूरजगढ़ के साथ हुआ सौतेला व्यवहार
Jhunjhunu x Ex MP Santosh Ahlawat allegations on CM: सोमवार को झुंझुनूं से पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर सुरजगढ़ को लेकर सौतेला व्यवहार का आरोप लगाया है.
Jhunjhunu x Ex MP Santosh Ahlawat allegations on CM: झुंझुनूं से पूर्व सांसद संतोष अहलावत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा नविनियोग विधेयक(Apporpriation Bill) पर बहस का जवाब देते हुए अनेक तरह की घोषणाएं करने को लेकर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि सूरजगढ़ में बीजेपी का विधायक है. इसलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सूरजगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार किया है. जो सही नहीं है. उन्होंने कहा कि वे किसी का विरोध नहीं करती. लेकिन एक सवाल हर व्यक्ति के मन में है कि एक जगह सिंचाई के लिए नहरी पानी देने की बात सरकार कर रही है. तो दूसरी तरफ सूरजगढ़ के लोगों को पीने का पानी तक नहीं मिल रहा है. 2018 में कुंभाराम लिफ्ट कैनाल परियोजना से सूरजगढ़ को जोड़ने की बात हुई थी. पांच साल में इस योजना को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने एक पैसा नहीं दिया.
सूरजगढ़ विधानसभा क्षेत्र की जनता उम्मीद लगाए बैठी थी कि इस बजट में कुछ मिले ना मिले मगर पेयजल के लिए बजट जरूर मिलेगा. क्योंकि सूरजगढ़ इलाके में पेयजल की भारी किल्लत है. पूर्व सांसद अहलावत ने कहा कि यदि सरकार सिंचाई के लिए पानी की सोच रखती है. तो उन्हें यमुना नहर का पानी लाने के प्रयास करने चाहिए. ताकि पूरे जिले को ही सिंचाई का पानी मिल सके. जिले के बहुत से अस्पतालों को क्रमोन्नत किया गया है. सूरजगढ़, बुहाना, सिंघाना में संचालित अस्पतालों में बैडों की संख्या तक नहीं बढ़ाई गई.
शिक्षा को लेकर कहा ये
इसके अलावा शिक्षा को लेकर कह कि सूरजगढ़ का महाविद्यालय अस्थाई भवन में संचालित है, महाविद्यालय के भवन के लिए एक रुपया भी आवंटित नहीं किया गया. सूरजगढ़ की जनता को उम्मीद थी कि नगर पालिका में सौंदर्यीकरण कार्य को लेकर बजट आवंटित होगा, मगर इस बजट में सूरजगढ़ की उपेक्षा की गई बॉर्डर इलाकों में टूटी सड़कों के लिए बजट आवंटित नहीं करना सरकार की मंशा को दर्शाता है. जिला मुख्यालय पर रेलवे क्रॉसिंग बनाया जा रहा है आरओबी के लिए राज्य सरकार को बजट आवंटित करना चाहिए था मगर राज्य सरकार की ओर से पूर्व में भी इसके लिए बजट नहीं दिया गया था जिसके चलते इसका काम अटका पड़ा है. चिड़ावा में खोले गए कृषि महाविद्यालय के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया जो महत्वकांक्षी योजनाएं थी उनमें अधिकांश पैसा लग चुका है. बजट के अभाव में यह योजना दम तोड़ रही है सूरजगढ़ की जनता की इस तरह से उपेक्षा करना नितांत गलत है और आने वाले चुनाव में जनता इसका जरूर करारा जवाब देगी.
यह रहे मौजूद
इस मौके पर वाइस चेयरमैन रामस्वरूप जांगिड़, पूर्व चेयरमैन सुरेंद्र चेतीवाल, पार्षद कैलाश शर्मा, पार्षद राजेंद्र सौंकरीया, सुरेंद्र सिंह चौहान, सन्तोष कुमावत, पार्षद प्रतिनिधि राकेश शर्मा, संदीप शर्मा, संजय स्वामी सहित कार्यकर्ता मौजूद रहे.
पढ़ें ये भी..
जया किशोरी ने शादी को लेकर कहा- 50 साल तक एक शख्स के साथ एक कमरे में...