Jhunjhunu: झुंझुनूं में बदलते मौसम के कारण मौसमी बीमारियों के साथ त्वचा संबंधी बीमारियों के रोगियों की संख्या भी बढ़ रही हैं. त्वचा पर लाल धब्बे, दाद, खुजली और घाव जैसे फंगल इन्फेक्शन के मरीज इन दिनों बढ़ते जा रहे हैं. जिला मुख्यालय स्थित राजकीय भगवानदास खेतान अस्पताल की बात करें तो अन्य दिनों की तुलना में फंगल इन्फेक्शन के मरीज दोगुना हो रहे हैं. 


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बीडीके अस्पताल के चर्म एवं यौन रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप पचार का कहना है कि बदलते मौसम और उमस के चलते फंगल इन्फेक्शन ज्यादा प्रभावित कर रहा है. जिससे त्वचा पर लाल धब्बे, दाद,खुजली जैसी समस्या हो जाती हैं. डॉ. पचार ने बताया कि वैसे तो फंगल इन्फेक्शन एक आम समस्या हैं लेकिन अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है. 


उन्होंने बताया कि फंगल इन्फेक्शन भले ही त्वचा पर पड़ने वाले लाल चकत्ते जैसा होता है, परंतु इसका प्रभाव काफी खतरनाक साबित हो सकता है. यह रोग सिर्फ त्वचा तक ही सीमित नहीं होता है बल्कि ऊतक, हड्डियों और शरीर के सभी अंगों को भी प्रभावित करने की क्षमता रखता है. इसलिए समय पर चिकित्सक परामर्श के साथ इसका इलाज अत्यंत जरूरी है.


क्या है फंगल इन्फेक्शन


बीडीके अस्पताल के चर्म एवं यौन रोग विशेषज्ञ डॉ.संदीप पचार ने बताया कि फंगल इन्फेक्शन एक प्रकार का त्वचा संबंधी संक्रमण हैं. जब कवक(फंगस) शरीर के किसी भाग या क्षेत्र पर आक्रमण करते हैं तो प्रतिरक्षा प्रणाली इनसे लड़ने में सक्षम नहीं होती हैं. जिसके कारण कवक से प्रभावित त्वचा में लाल धब्बे, दाद, खुजली और त्वचा में घाव आदि लक्षण दिखाई देने लगते हैं. यह फंगस हवा, पानी, पौधों एवं मिट्टी किसी भी जगह विकसित हो सकते हैं और पर्यावरण के प्रभाव के कारण दिन प्रतिदिन बढ़ने लगते हैं.


फंगल इन्फेक्शन के कारण


- वातावरण का अत्यधिक गर्म व नम होना.


- टाइट कपड़े पहनना और अत्यधिक पसीना आना.


- अधिक वजन और मोटापा होना.


- संक्रमण पीड़ित रोगी के संपर्क में आना.



फंगल इन्फेक्शन के लक्षण


- त्वचा पर लाल रंग के धब्बे होना.
- त्वचा में पपड़ी जमना या खाल उतरना
- प्रभावित क्षेत्रों पर सफेद चूर्ण की तरह पदार्थ निकलना.
- जांघों और बट्स में रैश होना.


बचाव के उपाय


- त्वचा को सूखा और स्वच्छ रखें.


- सूती और ढ़ीले कपड़े पहनें.


- पर्याप्त मात्रा में पानी पीएं.


- बरसात में बालों को गीला न रहने दें.


- किसी अन्य व्यक्ति का तौलिया इस्तेमाल नहीं करें.


- ओवर द काउंटर मेडिकेशन का इस्तेमाल ना करें


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