Rajasthan News: झुंझुनूं की चिड़ावा पंचायत समिति में कांग्रेस का गणित बिगड़ गया है. विधानसभा और लोकसभा चुनावों से पहले और चुनावों के दरमियान नेताओं की हुई आवाजाही का नुकसान अब कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया है. वहीं कांग्रेस की चिड़ावा प्रधान इंदिरा डूडी की कुर्सी पर खतरा मंडराने लगा है. 


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30 दिनों के अंदर अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए होगी बैठक
आज पंचायत समिति के सात सदस्यों ने जिला परिषद सीईओ अम्बालाल मीणा को प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस करने के लिए बैठक बुलाने की मांग का एक प्रस्ताव दिया, जिसके बाद अब सीईओ को आगामी 30 दिनों के अंदर-अंदर चिड़ावा पंचायत समिति के प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए बैठक बुलानी होगी. जिसमें यदि अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ 16 सदस्यों ने समर्थन कर दिया तो इंदिरा डूडी की प्रधान की कुर्सी चली जाएगी. 


प्रधान इंदिरा डूडी पर भ्रष्टाचार का आरोप 
अविश्वास प्रस्ताव की बहस बैठक बुलाने के लिए प्रस्ताव पेश करने आए रोहिताश्व जाखड़ा, उम्मेद किठाना व अनिता बख्तावरपुरा ने कहा कि प्रधान इंदिरा डूडी पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. उम्मेद किठाना ने तो यहां तक आरोप लगाया कि पंचायत समिति की बैठकों में हमें लड्डू और भुजिया खिलाया जाता था, लेकिन बिल पेड़ों का बना और वो पेड़े प्रधान अपने घर ले गई. साथ ही दुकानों का आवंटन भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया था. हर टेंडर में कमिशनखोरी बढ गई, जिससे दुखी होकर यह कदम उठाना पड़ा. हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की बैठक बुलाने का प्रस्ताव देने के लिए पंचायत समिति के एक तिहाई, यानी कि सात सदस्य ही जिला परिषद पहुंचे थे, जिनमें कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए रोहिताश्व जाखड़ा, ख्यालीराम सैनी, भाजपा के उम्मेद किठाना, भाजपा में शामिल होने वाले निर्दलीय सदस्य उम्मेद बुडानिया, अंजू, पिंकी व बख्तावरपुरा से निर्दलीय सदस्य अनीता शामिल थी. 


अब भाजपा में 10, कांग्रेस में 7 तथा निर्दलीय बचे है 4 सदस्य
पंचायत समिति में दलगत स्थिति की बात करें तो जब 2020 में चुनाव हुए थे, तो 10 कांग्रेस, 9 निर्दलीय और 2 भाजपा के उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए थे. लेकिन तब से अब तक हुई उठापटक व पार्टियों में आवाजाही को देखे तो अब भाजपा में 10, कांग्रेस में 7 और निर्दलीय 4 सदस्य है. इनमें भी कुछ निर्दलीय और कांग्रेस के सदस्य भाजपा के मंचों को साझा कर रहे और अपना समर्थन दे रहे है. कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतकर उप प्रधान बनें विपिन नूनियां भी अपनी ही पार्टी की प्रधान के खिलाफ बताए जा रहे है. हालांकि, 30 दिन के दरमियान जब बैठक होगी, तब सारी स्थिति साफ होगी. लेकिन फिलहाल प्रधान की मुश्किलें बढ़ रही है. आपको बता दें कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वाला खेमा अपने पास उप प्रधान समेत 17 सदस्य होने का दावा कर रहा है, तो वहीं प्रधान भी अपने पास सात सदस्य होने की बात कह रही है.


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