Rajasthan News: आइए अब हम आपको मिलाते है उन वीआईपी बच्चों से, जिनकी पढ़ाई के लिए हर महीने करीब-करीब डेढ़ लाख रुपए खर्च हो रहे है. जी, हां आपके बच्चे की पढाई पर आप महीने के 10, 20 या फिर 30 हजार तक खर्च करते होगे. कोई और भी बड़ी निजी स्कूल है, तो 60—65 हजार रुपए महीना की राशि अधिकतम होगी जो आपके बच्चे की पढाई पर खर्च हो रही होगी, लेकिन झुंझुनू के बुहाना के समीप रायपुर अहिरान की एक स्कूल में एक बच्चे की पढाई पर करीब डेढ़ लाख रुपए महीना खर्च हो रहा है. 


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रायपुर अहिरान में 7 बच्चों को पढ़ाने के लिए 10 शिक्षक कार्यरत
दरअसल, रायपुर अहिरान की सरकारी स्कूल कक्षा 1 से 12 तक संचालित है, ​लेकिन इसमें पढ़ने के लिए सात ही बच्चे आते है. इन सात बच्चों को पढ़ाने के लिए यहां पर 10 शिक्षक कार्यरत हैं, जिनकी एक महीने की तनख्वाह और अन्य खर्च जोड़ा जाए, तो 10 लाख रुपए के करीब जोड़ बैठता है. इस हिसाब से देखा जाए, तो एक बच्चे की पढाई के लिए सरकार डेढ़ लाख रुपए खर्च कर रही है. इन बच्चों में अधिकतर वो बच्चे है, जिनके माता—पिता या तो नरेगा में मजदूरी करते है या​ फिर अन्य दूसरी जगह पर दिहाड़ी मजदूरी करते है. जब से स्कूल के हालात सामने आए है, तब से सरकारी स्कूल की इस शर्मनाक तस्वीर की सभी जगहों पर चर्चा है. 


कक्षा 1 से 12 की कक्षाओं पांच कक्षाओं में एक भी बच्चा नहीं
ग्रामीणों ने बताया कि स्कूल में प्रिंसिपल का पद खाली है, इसलिए लापरवाही के कारण नामांकन सिर्फ सात रह गया है. वहीं, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी बुहाना ने इस दिशा में योजनाबद्ध ढंग से कार्य कर नामांकन बढाने की बात कही है. आपको बता दें कि विद्यालय के पांच कक्षाओं में नामांकन ही नहीं है. शेष कक्षाओं में नामांकन एक तक सीमित है. कक्षा एक, चार, छह, 11 व 12 में एक भी विद्यार्थी नामांकित नहीं है, जबकि कक्षा दो, तीन, पांच, सात, आठ, नौ व दस में एक-एक विद्यार्थी नामांकित है. 


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