आतंकियों से लोहा लेते हुए झुंझुनू का एक और लाल शहीद, गांव शोक में डूबा
आतंकियों से लोहा लेते हुए झुंझुनू का एक और लाल सूबेदार राजेंद्र प्रसाद वीरगति को प्राप्त हो गए. उनका गांव शोक में डूबा हुआ है.
Bagar: आज पूरे देश में बहने भाइयों से रक्षा का वचन मांग रही थी. वहीं झुंझुनूं के अलीपुर पंचायत के मालीगांव के सूबेदार राजेंद्र प्रसाद भांबू ने मां भारती की रक्षा का वचन पूरा करते हुए अपनी शहादत दे दी है. जम्मू कश्मीर के राजौरी इलाके के परगल में स्थित आर्मी कैंप में कल रात को कुछ आतंकियों ने हमला कर दिया था. इस दौरान सेना और आतंकियों की मुठभेड़ में सेना के 3 जवान शहीद हो गए. इनमें से एक जवान झुंझुनूं के अलीपुर पंचायत के मालीगांव के रहने वाले सूबेदार राजेंद्र प्रसाद भांबू थे.
उनके भतीजे विजेंद्र ने बताया कि सुबह उनके साथी के जरिए सूचना मिली कि देर रात को उनके कैंप पर आतंकी हमला हुआ है और आतंकियों से लोहा लेते हुए उनके चाचा सूबेदार राजेंद्र प्रसाद वीरगति को प्राप्त हुए हैं. उनकी शहादत की खबर से गांव में गमगीन माहौल हो गया. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 1 जुलाई 1974 को मालीगांव में हुआ था. वे 23 फरवरी 1995 को सेना में भर्ती हुए. उनकी शादी तारामणि से जून 1994 को हुई थी. राजेंद्र प्रसाद तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. उनका एक भाई राजेश कुमार अध्यापक है. तो वहीं उनकी बहन मुकेश गृहिणी है.
राजेंद्र प्रसाद के दो बेटियां और एक बेटा है. बड़ी बेटी प्रिया अभी जयपुर में चाचा के पास रहकर एमएससी की पढ़ाई कर रही है. तो वहीं छोटी बेटी साक्षी बीएससी के फाइनल ईयर में है. बेटा अंशुल तीसरी कक्षा में है. सरपंच प्रतिनिधि अजीत कुमार ने बताया कि सूबेदार राजेंद्र प्रसाद ने आतंकियों से लोहा लेते हुए भारत माता की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्योछावर किए हैं. पूरे गांव को उनकी शहादत पर गर्व है. उनकी पार्थिव देह का पूरा गांव बेसब्री से इंतजार कर रहा है.
उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ही वे गांव आ कर गए थे. उन्होंने गांव में मकान का काम भी शुरू कर रखा था और जल्द ही छुट्टी लेकर आने की बात भी कही थी. रात को उनकी बेटी से उनकी वीडियो कॉलिंग के जरिए बात हुई थी. वह इसी साल रिटायर होने वाले थे और उन्होंने अपनी लड़की की शादी की भी तैयारियां कर रखी थी.
वहीं परिजनों ने बताया कि उन्हें सुबह सूचना दी गई थी कि वे शहीद हो गए हैं. आतंकवादियों से लौहा लेते हुए गोली लग गई. जिसमें वे शहीद हो गए. शहीद के परिजन पार्थिव देह का इंतजार कर रहे है. उनके गांव में पूरे राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार किया जाएगा. वहीं गांव में गमगीन माहौल है.
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