सृष्टि के रचियता भगवान विश्वकर्मा या तीनों लोक के ब्रह्मा? हर कालखंड में वर्णन
विश्वकर्मा बोध वाचक शब्द ही नहीं बल्कि रचनात्मक स्वस्थ और समाज हितेषी परंपरा का नाम है.
Jhunjhunu: झुंझुनूं में भारतीय मजदूर संघ ने रानी सती मंदिर परिसर में विश्वकर्मा जयंती पर्व मनाया. विधिवत पूजन अर्चना आरती के बाद हुए कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संरक्षक रामगोपाल शर्मा ने की. मंचासीन पदाधिकारियों ने अपने संबोधन में बताया कि भगवान विश्वकर्मा सृष्टि के रचयिता हैं. जिनका वर्णन हर कालखंड में आता है. अतः विश्वकर्मा बोध वाचक शब्द ही नहीं बल्कि रचनात्मक स्वस्थ और समाज हितेषी परंपरा का नाम है.
सेवानिवृत्त विद्युत कर्मचारी संघ के महामंत्री ईश्वर लाल शर्मा ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ ने विश्वकर्मा जयंती पर्व को श्रम दिवस के रूप में प्रतिस्थापित करने का बीड़ा उठाया है. इस अवसर पर भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री संजय गनोलिया, ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहन लाल सैनी, संदीप धाभाई, रघुवीर सिंह, माया देवी, राधेश्याम कुमावत, विनोद चौहान, सत्यनारायण सोलंकी ने भी विचार व्यक्त किए.
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कार्यक्रम में सेवानिवृत्त विद्युत कर्मचारी संघ के फूलाराम, गजानंद शर्मा, ओमसिंह शेखावत, दुर्गपाल सिंह, राधेश्याम जांगिड़, 108 एंबुलेंस यूनियन से रतनपाल, सोनू शर्मा, राणी सती ट्रस्ट कर्मचारी संघ के महामंत्री बलवीर सिंह शेखावत, लक्ष्मीकांत शर्मा, विजय सिंह, मुकेश शर्मा, अमित, प्रमोद कुमार, सरिता मंडावा, रोडवेज यूनियन के महामंत्री भंवर सिंह व अध्यक्ष सज्जन जानूं, पंडित गणेश नारायण ऑटो यूनियन से शेर सिंह महरिया सहित भारतीय मजदूर संघ के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित हुए.
Reporter- Sandeep Kedia