झुंझुनूं न्यूज: झुंझुनूं के सूरजगढ़ से बड़ी खबर मिल रही है. झुंझुनूं के सूरजगढ़ के बलौदा गांव में गहलोत सरकार से बर्खास्त मंत्री व उदयपुरवाटी विधायक राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस के 50 प्रतिशत से ज्यादा विधायक अनुकंपा नियुक्ति पर है. खेतड़ी विधायक डॉ. जितेंद्र सिंह यदि डॉ. छोगालाल के बेटे नहीं होते तो वे विधायक नहीं होते.


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गुढ़ा का ईशारा ऐसे विधायकों पर था जिनके परिवार से पूर्व में कोई ना कोई विधायक या सांसद रहा है. उन्होंने कहा कि मेरा आशीर्वाद कांग्रेस पर नहीं होता तो अशोक गहलोत मुख्यमंत्री नहीं होते. उन्होंने शेखावाटी में राजपूत नेताओं की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रतिपक्ष नेता राजेंद्र राठौड़ एक बार उनसे बोल रहे थे कि अब चूरू छोड़ना पड़ेगा. क्योंकि पिछली बार ही 1500—1600 वोटों से जीता था. अब वो जवानी नहीं रही. इतनी मेहनत नहीं होती. चुनाव टफ हो गया. इसलिए शेखावाटी छोड़नी पड़ेगी.



आरएलपी का नाम नहीं लिया


उन्होंने कहा कि राव शेखाजी की इस शेखावाटी में राजपूत नेता हाशिये पर है. कारण यह है कि हर समाज अपने नेता बनाने में जान लगा देते है. लेकिन राजपूतों ने कभी नेता बनाया नहीं, बल्कि माना है. उन्होंने कहा कि जाट समाज से हमें सीख लेनी चाहिए. कांग्रेस पर जाटों का पहले से कब्जा था. इसके बाद उन्होंने भाजपा में कब्जा किया. और इसके बावजूद एक तीसरी पार्टी खड़ी कर दी. हालांकि उन्होंने आरएलपी का नाम नहीं लिया. लेकिन उनका ईशारा आरएलपी पर था. जिसके नेता खुद हनुमान बेनीवाल है. बलौदा में राजेंद्र सिंह गुढ़ा नौ सितंबर को गुड़ा गांव में प्रस्तावित कार्यक्रम में राजपूत समाज के लोगों ने न्यौता देने आए थे.


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