Rajasthan Politics: वसुंधरा के बहाने गहलोत पर निशाना, सचिन पायलट बोले- कथनी और करनी में नहीं होना चाहिए अंतर
सचिन पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए अपनी ही सरकार को घेरा है. झुंझुनूं के खेतड़ी के टीबा गांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और स्कैंडल को लेकर हम सड़कों पर उतरे थे और उसकी जांच कराने के नाम पर वोट मांगे थे.
Jhunjhunu News: खेतड़ी के टीबा गांव में शहीद श्योराम गुर्जर की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में आए राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए कथित भ्रष्टाचार को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान देते हुए अपनी ही सरकार को घेरा है. झुंझुनूं के खेतड़ी के टीबा गांव में पत्रकारों से बातचीत करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार और स्कैंडल को लेकर हम सड़कों पर उतरे थे और उसकी जांच कराने के नाम पर वोट मांगे थे.
लेकिन चार साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी हम जांच नहीं करा पाए. इसके लिए उन्होंने अनशन किया था. उन्होंने कहा कि हाल ही में वे दिल्ली भी इसी मसले पर संवाद करके आए है और उन्होंने एआईसीसी लीडरशिप को बताया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी जीरो टोलरेंस है. भाजपा के भ्रष्टाचार को हमने समय-समय पर एक्सपोज किया है. बात चाहे मध्यप्रदेश की हो, उत्तरप्रदेश की हो या फिर गुजरात की. भाजपा के भ्रष्टाचार को एक्सपोज करने पर ही राहुल गांधी की षड़यंत्रपूर्वक ढंग से लोकसभा की सदस्यता से खत्म की गई है.
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ऐसे में हमें राजस्थान में भी भाजपा के भ्रष्टाचार की जांच को लॉजिकल एंड तक ले जाना चाहिए. क्योंकि अब चुनावों में ज्यादा समय नहीं रह गया है. हमें जनता को विश्वास दिलाना होगा कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में जो भ्रष्टाचार पर कार्रवाई हो रही है, वो स्वागत योग्य है. उनमें गति और बढ़नी चाहिए. परंतु वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के भ्रष्टाचार की जांच में भी कोई देर नहीं होनी चाहिए.एक सवाल के जवाब में सचिन पायलट ने कहा कि उनका कार्यक्रम काफी लंबे समय पहले से ही तय था, इसलिए वे पीसीसी में विधायकों के साथ हो रहे वन टू वन संवाद में शामिल नहीं हो पाए.