Jhunjhunu: देश में अग्निवीरों के चार साल बाद बेरोजगार होने की चिंता में आंदोलन किए जा रहे हैं, लेकिन राजस्थान के झुंझुनूं में ऐसे 133 फर्जीवीर पकड़े गए हैं. जिन्होंने फर्जीवाड़े से राज्य सरकार की युवा संबल योजना में सेंधमारी करते हुए भत्ता तक उठा लिया है. अब इनके दस्तावेजों की जांच में खुलासा हुआ है तो विभाग इनसे ब्याज सहित भत्ते का पैसा वसूल रहा है. झुंझुनूं में अब तक 24 लाख रुपए की वसूली इन फर्जीवीरों से की जा चुकी है.


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बेरोजगार युवाओं को भत्ता देने के लिए राजस्थान सरकार ने मुख्यमंत्री युवा संबल स्कीम को लॉन्च किया था. इस स्कीम को लेकर आज तक विपक्ष सरकार पर आरोप लगाता रहा है और कह रहा है युवाओं के साथ सरकार ने धोखा किया है, लेकिन असल में कुछ युवा ऐसे भी है जो सरकार से धोखा कर इस भत्ते की राशि का डकार रहे हैं. स्नात्तक उत्तीर्ण युवाओं को भत्ता देने के लिए युवा संबल स्कीम लाई गई है. जिसमें जिस युवा के परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपए से अधिक ना हो उसे महीने का भत्ता दिया जाता है. पर इस स्कीम का कुछ फर्जीवीरों ने जमकर गलत फायदा उठाया है. अब ये पकड़ में आ रहे हैं. फरवरी 2019 से मई 2022 तक की गई दस्तावेजों की जांच में अब तक 133 ऐसे युवा पकड़ में आए हैं. जिन्होंने गलत जानकारियां और अपने परिवार की वास्तविक आय छुपाकर सरकार से 24 लाख रूपए का भत्ता डकार लिया था, लेकिन अब ऐसे युवाओं ये राशि वसूलकर राजकोष में जमा करवा दी गई है.


जिला रोजगार अधिकारी दयानंद यादव ने बताया कि समय—समय पर बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर रहे युवाओं के साथ संवाद स्थापित कर उन्हें बार—बार ताकिद किया जाता है कि वे अपनी वास्तविक आय ना छुपाए और ना ही कोई कूटरचित दस्तावेज पेश करें. क्योंकि ऐसा नहीं है कि जिसने बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर लिया हो और अब योजना से बाहर हो गया हो. वह इस अपराध से मुक्त हो गया है. विभागीय जांच में ऐसे भी कई युवा सामने आए हैं. जिन्होंने बेरोजगारी भत्ता प्राप्त कर योजना को बाय—बाय कह दिया हो, लेकिन फिर भी उनसे विभाग ने पैसे वसूले हैं. क्योंकि पैसे ना वसूलने पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने का प्रावधान भी है. साथ ही जो राशि वसूली जा रही है. वो ब्याज सहित वसूली जा रही है.


जिला रोजगार अधिकारी दयांनद यादव ने बताया कि हाल ही में सरकार ने युवा संबल योजना में इंटर्नशिप को भी शामिल किया गया है. संभावना है कि​ इंटरर्नशिप को लेकर भी युवा फर्जी जानकारियां अपलोड कर सकते हैं. इसलिए इसके लिए भी सभी आवंटित विभाग और युवाओं को निर्देशित किया है कि वे चार घंटे की इंटर्नशिप हर हाल में पूरी करें और किसी तरह की गलत जानकारी या ​कूटरचित हाजिरी अपनी एसएसओ आईडी में अपलोड करने से बचें. नहीं तो भविष्य में इस तरह के युवाओं से भी वसूली के आदेश विभाग से मिल चुके हैं.


आपको बता दें कि प्रदेश के दो लाख युवाओं को इस योजना के तहत जोड़ा गया है. इनमें से फिलहाल छह हजार 672 युवा अकेले झुंझुनूं जिले से योजना का लाभ ले रहे हैं. वहीं, आने वाले समय में यह 10 हजार की संख्या होने वाली है. इसलिए विभाग हर एक दस्तावेज की गहराई से जांच कर रहा है. ताकि पात्र युवा इस योजना से वंचित ना हो और अपात्र युवा इस योजना में सरकार को धोखा देखकर योजना की क्रियान्वित में बाधक ना बनें.


Reporter: Sandeep Kedia


 


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