जनवरी से मार्च 2024 के बीच श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले साल 48.5 प्रतिशत थी. महिला श्रम बल भागीदारी दर 2024 की मार्च तिमाही में बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई है.
Trending Photos
Women Joins Workforce: देश में जनवरी से मार्च के बीच महिला बेरोजगारी दर में बड़ी गिरावट हुई है. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की तरफ से जारी किए गए पीएलएफस से यह जानकारी मिली. सर्वे बताया गया कि 2024 की मार्च तिमाही में महिला बेरोजगारी दर घटकर 8.5 प्रतिशत रह गई है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 9.2 प्रतिशत थी. इसके अलावा जनवरी से मार्च के बीच कुल बेरोजगारी दर में भी कमी देखने को मिली है. यह घटकर 6.7 प्रतिशत पर रह गई है, जो पहले 6.8 प्रतिशत थी.
LFPR बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई
जनवरी से मार्च 2024 के बीच श्रम बल भागीदारी दर (LFPR) बढ़कर 50.2 प्रतिशत हो गई है, जो कि पिछले साल 48.5 प्रतिशत थी. महिला श्रम बल भागीदारी दर 2024 की मार्च तिमाही में बढ़कर 25.6 प्रतिशत हो गई है. पिछले साल मार्च तिमाही में यह 22.7 प्रतिशत थी. शहरी इलाकों में महिला श्रमिक जनसंख्या अनुपात भी 2024 की मार्च तिमाही में बढ़कर 23.4 प्रतिशत हो गया है, जो कि पिछले वर्ष समान अवधि में 20.6 प्रतिशत था.
भागीदारी बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए
पिछले 10 साल में मोदी सरकार की ओर से महिलाओं की संख्या श्रम भागीदारी में बढ़ाने को लेकर कई कदम उठाए गए हैं. मोदी सरकार की तरफ से 2017 में मैटेरनिटी लीव के फायदे को 12 हफ्ते से बढ़ाकर 26 हफ्ते कर दिया गया. वहीं, बच्चा गोद लेने वाली महिलाओं के लिए मैटेरनिटी लीव 12 हफ्ते कर दी गई.
वर्क फ्रॉम होम का भी प्रावधान किया
प्रधानमंत्री मोदी ने उस समय कहा था कि इस कदम के जरिये सरकार की कोशिश है कि शिशु को जन्म के बाद एक अच्छी देखभाल मिले. 50 से ज्यादा कर्मचारी वाली संस्थाओं के लिए शिशुगृह बनाना अनिवार्य कर दिया गया. साथ ही वर्क फ्रॉम होम का भी प्रावधान सरकार द्वारा किया गया.
सरकार ने नाइट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए भी नियमों में बदलाव किया है. अब नाइट शिफ्ट करने वाली महिलाओं को नियोक्ताओं द्वारा पिक-अप और ड्रॉप-ऑफ सुविधा उपलब्ध कराना जरूरी है.