Story of Jagdeep Dhankar : बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक में जगदीप धनकड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया गया है. जगदीप धनकड़ मौजूदा वक्त में पश्चिमी बंगाल के राज्यपाल है. West bengal के राज्यपाल रहते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ अक्सर उनका टकराव देखने को मिलता था.


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राजस्थान के जाट समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जगदीप धनकड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने राजस्थान के जाट वोटबैंक के बीच बड़ा संदेश देने का काम किया है. जगदीप धनकड़ मूल रुप से राजस्थान के रहने वाले है. राजस्थान के झुंझुनूं के रहने वाले जगदीप धनकड़ सांसद भी रह चुके है.  18 मई 1951 में जगदीप धनकड़ का जन्म राजस्थान के ही झुंझुनूं जिले में हुआ. इस समय जगदीप धनकड़ वेस्ट बंगाल के राज्यपाल हैं. वह झुंझुनू से बीजेपी से लोकसभा सांसद रह चुके हैं.  धनखड़ 1989 - 1991 तक केंद्रीय मंत्री रहे.  आज 16 जुलाई को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. उनकी ये मुलाकात नई दिल्ली में हुई. धनकड़ ने वकालत की पढ़ाई की है. जगदीप धनकड़ 27वें पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हैं.



धनकड़ ने अपनी पढ़ाई सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ से की. धनकड़ ने राजस्थान यूनिवर्सिटी से ही ग्रेजुएशन की है. राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुके है. इसके अलावा राजस्थान में जाट आरक्षण की लड़ाई में भी उनका अहम रोल रहा है. जगदीप धनकड़ को पश्चिम बंगाल में राज्यपाल की कुर्सी उस वक्त मिली थी जब पश्चिम बंगाल सरकार और केंद्र सरकार यानि टीएमसी और बीजेपी के बीच तनाव  चरम पर था. 


जगदीप धनकड़ केंद्र सरकार में मंत्री रह चुके है. वो राजस्थान की झुंझुनूं लोकसभा सीट से साल 1989 से 1991 तक जनता दल के सांसद रहे है. जनता दल से बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस के टिकट पर अजमेर से चुनाव भी लड़ा लेकिन वो अजमेर लोकसभा का चुनाव हार गए. हालांकि बाद में वो अजमेर जिले की ही किशनगढ़ लोकसभा सीट से विधायक बनने में कामयाब रहे थे. साल 2003 में जगदीप धनकड़ बीजेपी में शामिल हो गए थे.


राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में वकालात कर चुके जगदीप धनकड़ को 20 जुलाई 2019 को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था. पश्चिम बंगाल में भी बड़ी संख्या में मारवाड़ी समुदाय है. ऐसे में उनको बंगाल का राज्यपाल बनाया गया था. इधर बंगाल के राज्यपाल को उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की सियासत को लेकर भी संदेश देने की कोशिश की है. 


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