Jhunjhunu: केंद्र सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के लोगों को आर्थिक आधार पर 10 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए सन 2019 में संविधान में 103वां संशोधन किया था, जिसको राज्य सरकार ने भी लागू किया था. इसके विरोध में कुछ लोगों ने 30 से अधिक याचिकाएं लगाकर सुप्रीम कोर्ट में इसे चुनौती दी गई थी.


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सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच द्वारा 5 में से 3 जजों ने सहमति जताई और संविधान में संशोधन को सही बताते हुए कहा कि यह याचिकाएं सुनवाई योग्य ही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले का झुंझुनूं जिला ब्राह्मण समाज के प्रदेश मंत्री उमाशंकर महमिया, सर्व ब्राह्मण महासभा जिला अध्यक्ष कमलकांत शर्मा, पूर्व विप्र फाउंडेशन जिला अध्यक्ष पवन पुजारी, योगेन्द्र मिश्रा नवलगढ़, गौड़ ब्राह्मण महासभा संगठन मंत्री रामगोपाल महमिया, एडवोकेट सुशील जोशी, ललित जोशी, पवन पांडे, राकेश सहल, विकास पुरोहित ने स्वागत करते हुए प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि यह सामाजिक न्याय की जीत है. इससे आर्थिक आधार की कैटेगरी में आने वाले युवाओं में आत्मविश्वास के साथ ऊर्जा का संचार हुआ है. यह आर्थिक आधार पर पिछड़े स्वर्ण युवाओं के भविष्य के लिए एक बड़ी सौगात है. विप्रजनों द्वारा चूणा चौक में आतिशबाज़ी कर एक दूसरे को मिठाइयां खिलाकर प्रसन्नता व्यक्त की है.


Reporter- Sandeep Kedia