Asaram bail application rejected :अपने ही गुरूकुल की शिष्या के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम की ओर से इलाज के नाम पर चौथी बार पेश किए गए जमानत आवेदन पर भी उनको राहत नहीं मिली और राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत का आवेदन खारिज कर दिया.


आसाराम को  फिलहाल राहत नहीं 


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 हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश विजय विश्नोई व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष आसाराम के जमानत आवेदन पर सुनवाई के बाद यह कहते हुए खारिज कर दिया कि पुलिस कस्टडी में इलाज के इच्छुक नहीं है तो फिर अपील पर नियमित सुनवाई की जाएगी लेकिन जमानत आवेदन स्वीकार नहीं होगा.


राजस्थान हाईकोर्ट ने जमानत का आवेदन खारिज कर दिया


आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने पैरवी करते हुए कहा कि आसाराम की वृद्धावस्था एवं बिमारियों को देखते हुए जमानत दी जाए. आसाराम का उपचार भी माधवबाग महाराष्ट्र में करवाना चाहते है जिसके लिए सजा के आदेश को स्थगित करते हुए जमानत दी जाए ताकि उनका उपचार करवाया जा सके.


सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि राज्य सरकार वैसे तो उनका अच्छा उपचार करवा रही है उसके बावजूद आवेदनकर्ता कही और उपचार करवाना चाहता है तो पुलिस कस्टडी में उपचार करवाने के लिए तैयार है जिसका खर्चा भी उनको वहन करना होगा.


इस पर कोर्ट ने आसाराम के अधिवक्ताओ से इसके बारे में जवाब मांगा था. आसाराम की ओर से जो जवाब पेश किया उसमें पहले तो पुलिस कस्टडी में उपचार की सहमति दी गई लेकिन उसके बाद के पैरा में कही पर भी सहमति नहीं जताई गई, एवं पुलिस कस्टडी में उपचार को लेकर तैयार नहीं है.


ऐसे में दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद आसाराम की ओर से चौथी बार पेश उपचार के नाम पर जमानत को खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि आवेदनकर्ता आसाराम पुलिस कस्टडी में उपचार करवाने के लिए इच्छुक नहीं है तो फिर अपील पर नियमित सुनवाई की जाएगी. कोर्ट ने आसाराम के जमानत आवेदन को खारिज कर दिया.