Barmer: जिले में एक पुलिसकर्मी पिछले पांच साल से राष्ट्रीय राजमार्गों पर घूमने वाले पशुओं के रेडियम बेल्ट लगाकर रात में होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के जतन में जुटा है. राजमार्गों पर रात में घूमने वाले आवारा पशु सड़क दुर्घटनाओं की बहुत बड़ी वजह बनते हैं. 


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इस पुलिसकर्मी ने बताया कि इनके लगाए रेडियम बेल्ट की वजह से रात में वाहन चालकों को सड़कों पर पशु बैठे होने की जानकारी दूर से ही लग जाती है और सड़क दुर्घटना की आशंका कम हो जाती है. 


साल 2020 में सरहदी बाड़मेर में 516 सड़क हादसे हुए हैं. वहीं, 2021 में 634 सड़क दुर्घटनाए हुई, जिसमें 388 लोगों की मौत हुई और 684 लोग घायल हो गए. इन सड़क दुर्घटनाओं मे अधिकतर सड़क हादसे राष्ट्रीय राजमार्गो पर आवारा पशुओं के अचानक सामने आने और सड़क पर झुंड के रूप में बैठे पशुओं एक वाहनों के टकराने से हुए. इन हादसों की रोकथाम के लिए बाड़मेर पुलिस के हेड कांस्टेबल नेम सिंह पिछले पांच साल से एक मुहीम में जुटे हुए हैं. 


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नेमसिंह अपने साथ रेडियम बेल्ट साथ रखते है, जहां भी उन्हे आवारा पशु सड़कों पर नजर आते हैं. वह उन्हें रेडियम बेल्ट पहना देते हैं. नेम सिंह के मुताबिक, आवारा पशु रात में झुंड बनाकर सड़कों पर बैठ जाते है और हादसों की वजह बनते हैं. ऐसे में इन रेडियम बेल्ट की वजह से वाहन चालकों को दूर से ही इनके बैठे होने की जानकारी मिल जाती है, जिससे हादसों को टाला जा सकता है. 


पिछले पांच सालों में नेम सिंह अपने व्यक्तिगत खर्चे पर दो हजार से ज्यादा पशुओं के रेडियम बेल्ट लगा चुके है और इनकी यह मुहीम लगातार जारी है. बाड़मेर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरपतसिंह के मुताबिक, पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद हाईवे पर सड़क हादसों को रोकने के लिए पशुओं को रेडियम प्लेट और बेल्ट लगवाई जा रही है. हेड कांस्टेबल नेमसिंह की पहल भी सराहनीय है, जिससे सड़क हादसों में कमी आएगी. साल 2020 में सड़क हादसों में 388 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 684 लोग घायल हुए. 


Reporter- Bhupesh Acharya