Jodhpur News: अभियोजन अधिकारी ने बताया कि साल 2013 में पुलिस को सूचना मिली थी कि राजस्थान अस्पताल के पास एक व्यक्ति स्मैक बेचने का काम कर रहा है. जिस पर पुलिस ने दबिश देकर मामले में पशु चिकित्सालय मगरा पुंजला के समीप रहने वाले अमृतलाल उर्फ बाबू पुत्र ब्रह्मसिंह परिहार को दबोचा. उसके पैंट की जेब से एक प्लास्टिक थैली बरामद की, जिसमें स्मैक पाई गई थी.


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 इस मामले में कोर्ट से में चली सुनवाई के दौरान आरोपी की ओर से अधिवक्ता भागीरथ विश्नोई और हितेश विश्नोई ने पक्ष रखा. सरकार की ओर से अभियोजन अधिकारी द्वारा सबूतों और गवाहों को पेश किया गया. अभियोजन अधिकारी ने पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि स्मैक के नशे के चलते जहां एक ओर युवा पीढ़ी खोखली होती जा रही है, और युवाओं पर इस नशे के गंभीर दुष्परिणाम पड़ रहे हैं. वहीं, अपराधों में भी वृद्धि हो रही है. दोनो पक्षों की दलीले सुनने के बाद न्यायायल मुख्य महानगर मजिस्टेट विक्रमसिंह सांखला की कोर्ट ने स्मैक के नशे के व्यापार से जुडे़ इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए सजा सुनाई है.


यह सजा सुनाई, कोर्ट ने आरोपी अमृतलाल उर्फ बाबू को 6 माह का कठोर कारावास व 10 हजार के अर्थदण्ड की सजा का एलान किया. साथ ही अर्थदण्ड की अदायगी नहीं करने की सुरत में आरोपी को दो माह के साधारण कारावास भूगतने की सजा कोर्ट द्वारा सुनाई गई.


Reporter- Bhawani bhati


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