क्या है वेलकम टू कंट्री.. जिसके चलते निशाने पर ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज
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क्या है वेलकम टू कंट्री.. जिसके चलते निशाने पर ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज

Australian Government: आलोचकों का कहना है कि इन समारोहों पर खर्च किए गए फंड का इस्तेमाल स्वदेशी समुदायों के जीवन में सुधार लाने के लिए किया जा सकता था. वहीं समर्थक इन समारोहों की सांस्कृतिक महत्वता पर जोर देते हुए इसे एकता और सम्मान को बढ़ावा देने वाला मानते हैं.

क्या है वेलकम टू कंट्री.. जिसके चलते निशाने पर ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज

'Welcome to Country' Australia: ऑस्ट्रेलिया सरकार ने 'वेलकम टू कंट्री' समारोहों पर लाखों डॉलर खर्च किए हैं, जिसे लेकर अब सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. इन समारोहों पर हुए खर्च को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि क्या यह पैसा बेहतर उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था. असल में ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने 2022 से 2024 के बीच 21 विभागों में आयोजित 300 'वेलकम टू कंट्री' समारोहों पर $452,953 खर्च किए. यह जानकारी फ्रीडम ऑफ इन्फॉर्मेशन दस्तावेजों के जरिए सामने आई. 

खर्च करदाताओं के पैसे की बर्बादी..
रिपोर्ट्स के मुताबिक इन समारोहों की औसत लागत $1,266 रही, और इनमें से अधिकांश 5 से 15 मिनट तक चले. प्रति मिनट करीब $100 खर्च का अनुमान लगाया गया. वहां की शैडो सरकार के खर्च रोकथाम प्रवक्ता जेम्स स्टीवंस ने इन खर्चों की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसे समारोहों का स्थान महत्वपूर्ण आयोजनों तक सीमित होना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह खर्च करदाताओं के पैसे की बर्बादी है. 

सरकार ने क्या कहा था?
वहीं नेशनल्स नेता डेविड लिट्लप्राउड ने इसे 'अत्यधिक' बताते हुए कहा कि इस पैसे का इस्तेमाल देश के स्वदेशी समुदायों की समस्याओं को हल करने में किया जाना चाहिए. उधर सरकार ने इन समारोहों का बचाव करते हुए कहा कि यह प्रोटोकॉल वर्षों से लागू हैं, और यह आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर समुदायों के प्रति सम्मान दिखाने के लिए महत्वपूर्ण हैं. नेशनल इंडिजेनस ऑस्ट्रेलियंस एजेंसी ने इन समारोहों को 'आध्यात्मिक सुरक्षा' और सम्मान का प्रतीक बताया.

इस पर विपक्ष ने क्या कहा 
इसके अलावा विपक्ष के नेता पीटर डटन ने इन समारोहों के खर्च को लेकर सरकार पर निशाना साधा और चुनाव में जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस से स्वदेशी झंडों को हटाने की बात कही. प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीस ने डटन की टिप्पणियों को देश में विभाजन फैलाने वाला बताते हुए कहा कि सम्मान दिखाने में कोई लागत नहीं आती.

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