Jaisalmer: नशामुक्ति का जुनून लिए कोई शख्स अगर 7 बार साइकल रिक्शा पर पूरे भारत को नाप ले तो ये एक अनोखी पहल ही कही जाएगी. हम बात कर रहे हैं छपरा बिहार के रहने वाले धनेश शाह की जो लोगों में पढ़ाई के जुनून को पैदा करने और नशा मुक्ति का संदेश देने साइकिल रिक्शा पर भारत घूम रहे हैं. वे ऐसा 6 बार कर चुके हैं. पिछली बार साल 2020 में वे जैसलमेर भी पहुंचे थे, मगर तनोट माता के दर्शन नहीं कर पाए थे. इसलिए वे वापस 7 हजार किलोमीटर की यात्रा करके दोबारा जैसलमेर आए हैं और तनोट माता के दर्शन करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

यह भी पढ़ेंः Jaisalmer: परमाणु नगरी में कोरोना संक्रमण को लेकर प्रशासन हुआ सतर्क, चलाया जागरूकता अभियान


रिक्शे पर लगे हैं महापुरुषों के पोस्टर
धनेश शाह के साइकिल रिक्शे पर पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम, डॉ. भीमराव अम्बेडकर, भगतसिंह, धर्मेन्द, हेमा मालिनी आदि के चित्र लगे हैं. शाह ने बताया कि वे धर्मेंद्र के बहुत बड़े फैन हैं. उन्होने बताया कि संचार क्रांति के इस युग में मोबाइल हर हाथ में हैं, लेकिन इसके दुरूपयोग के कारण स्थिति गंभीर होती जा रही है. मोबाइल का उपयोग केवल पढ़ाई के लिए ही करना चाहिए, क्योंकि ज्ञान मिलेगा तो वहीं दुनिया में सब कुछ संभव है. वे रास्ते में लोगों को नशामुक्ति का संदेश देते हैं. रंगीन साइकिल रिक्शे को देखकर हर कोई उनकी ओर खींचा चला आता है. लोग रास्ते में उनकी मदद भी करते हैं, उनको खाना आदि खिलाते हैं,  वे कहते हैं कि हम हिंदुस्तानी हैं और हमको इस पर गर्व है.


यह भी पढ़ेंः टीकाकरण केंद्र पर कोरोना गाइडलाइंस की उड़ी धज्जियां, ना मास्क, ना सोशल डिस्टेंसिंग का हुआ पालन


नशामुक्ति और शिक्षा की अनूठी पहल
शिक्षा का प्रचार और नशा मुक्ति का संदेश देते हुए बिहार राज्य के छपरा जिले से साइकिल रिक्शे से निकले धनेश शाह जैसलमेर के लाठी गांव पहुंचे. धनेश शाह ने बताया कि सितंबर 2021 को अपनी साइकिल रिक्शा यात्रा को बिहार से शुरू किया. यात्रा का उददेश्य शिक्षा का प्रचार करना, नशामुक्त के साथ माता-पिता की सेवा का संदेश देते हुए करीब 7 हजार किमी की यात्रा पूरी करनी है. शाह इससे पहले साल 2005, 2007,  2012,  2016, 2018 और 2020 में भी भारत की यात्रा कर चुके हैं. पिछली बार साल 2020 में तनोट माता मंदिर के दर्शन करने रिक्शा पर जैसलमेर आए थे. मगर दर्शन नहीं हो पाए थे.  इस बार वे दुबारा जैसलमेर आए हैं, ताकि माता के दर्शन कर सकें. उनका सपना है कि वे अपना रिक्शा चलाकर अमरनाथ और वैष्णोदेवी भी जाएंगे. 


Report: Shankar Dan