Jodhpur: जोधपुर ग्रामीण के केतु मण्डा, जवाहर नगर में अपनी दुकान पर शराब का विक्रय करने का लाइसेंस प्राप्त किए व्यक्ति प्रहलाद सिंह को जिला आबकारी अधिकारी, जोधपुर द्वारा 1 करोड़ 16 लाख 80 हजार 261 रूपये जमा कराने का नोटिस दिया. इस याचिका में राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दी. राजस्थान हाईकोर्ट मुख्य पीठ जोधपुर ने सुनवाई करते हुए बकाया मांग राशि पर रोक लगा दी.


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याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता निखिल भण्डारी ने प्रहलाद सिंह की ओर रिट याचिका पेश कर यह बताया कि कोरोना वायरस की गम्भीर बीमारी फैलने से सभी तरह के व्यापारिक संस्थानों को गम्भीर आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा हैं, जिसमें शराब की दुकानों को भी आर्थिक नुकसान हुआ है.  एडवोकेट निखिल भण्डारी ने यह भी बताया कि विदेशी शराब और देशी शराब की बिक्री ग्राहकों की इच्छा पर निर्भर करती है इसलिए आबकारी विभाग द्वारा महंगी शराब का अधिक कोटा उठाने का दबाव सही नहीं था.


राजस्थान सरकार व आबकारी विभाग  जिला आबकारी अधिकारी जोधपुर की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता ने हाईकोर्ट को यह बताया कि जिला आबकारी अधिकारी जोधपुर द्वारा प्रार्थी प्रहलाद सिंह को जो बकाया राशि जमा कराने का नोटिस दिया था, उसके बाद की जाने वाली सारी कार्रवाई रोक दी गई हैं और प्रार्थी की अचल सम्पत्तियों का अटैचमेंट भी वापस ले लिया गया हैं. अतिरिक्त महाअधिवक्ता की इस बहस के बाद प्रार्थी के एडवोकेट निखिल भण्डारी ने हाईकोर्ट में यह बहस की कि यदि ऐसा होता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है. 


राजस्थान हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस पुष्पेन्द्र सिंह भाटी ने एडवोकेट निखिल भण्डारी के तर्कों से सहमत होते हुए प्रार्थी प्रहलाद सिंह व 10 अन्य शराब व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए उनसे बकाया राशि की वसूली पर रोक लगाकर आगे की कार्रवाई रोक दी.


Reporter- Bhawani Bhati


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