बिलाड़ा में हादसों का मार्ग बनकर रह गया गोटन-सोजत, कस्बे में आये दिन लगा रहता है जाम
गोटन-सोजत रोड़ मेगा हाईवे कस्बेवासियों के लिए परेशानी का सबक बन चुका है, इस मार्ग पर हर दिन वाहनों के भारी दबाव के कारण जाम लग जाता है, जिससे इलाके के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
Bilara: राजस्थान के जोधपुर जिले के बिलाड़ा में गोटन-सोजत रोड मेगा हाईवे के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन चुका है. इस मार्ग पर हर दिन वाहनों के भारी दबाव के कारण जाम लग जाना आम बात हो चुकी है. वहीं भीड़भाड़ वाले मुख्य बस स्टैंड से कृषि मंडी के बीच की दूरी पर अब तक कई लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो चुके हैं. कई लोगों की मौत भी हो चुकी हैं. आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं से तंग आकर कस्बे वासियों ने जिला कलेक्टर और क्षेत्रीय विधायक से इस मार्ग को बाईपास द्वारा डायवर्ट करने के लिए मांग कर चुके हैं लेकिन, किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया.
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राजमार्ग पर नहीं हुई मानदंडों की पालना
स्टेट हाईवे के मापदंड के अनुसार कोई भी राजमार्ग 30 मीटर चौड़ा होता है. उसके बीच में डिवाइडर भी 4 से 5 मीटर बनता है और दोनों ओर की सड़कों में 6 - 6 फिट की पटरी बनती है. कई स्थानों पर जगह मिलने पर पानी निकासी के लिए नाला भी बनाया जाता है लेकिन, गोटन से सोजत रोड तक के बने इस मार्ग को बनाने के दौरान राजमार्ग के सभी मानदंडों को ताक पर रख दिया गया और जहां जितनी जगह मिली वहां पर 2 मार्ग का स्टेट रोड बनवा दिया.
बिलाड़ा कस्बे में सीमा में मात्र 10 मीटर चौड़ी सड़क
गोटन से सोजत रोड तक भले ही डबल मार्ग का राजमार्ग बना हो लेकिन, मानदंडों के अनुसार चौड़ाई नहीं ली गई है. यहां तक के कस्बे के मुख्य बस स्टैंड से बिंजवाडिया मार्ग तक के राजमार्ग की चौड़ाई मात्र 10 मीटर रखी गई है. दोनों ओर की सड़कों के बीच पौने 2 मीटर का डिवाइडर बनाया गया हैं. बरसाती पानी की निकासी के लिए नगर पालिका द्वारा बने नाला का इस्तेमाल किया जा रहा है. जहां पर हर समय भीड़ रहती है और यह वहीं स्थान है, जहां अधिकतर दुर्घटनाएं होती है.
धीमी गति से निकलते हैं वाहन चालक
गोटन से बोरुंदा रणसी गांव खारिया मीठापुर होते हुए बिलाड़ा बस स्टैंड तक 24 चक्के बड़े भारी वाहन एक स्पीड में भले ही आ जाए लेकिन मुख्य बस स्टैंड से सुभाष मार्ग नाड़ी नई सड़क सोजती गेट तक के रास्ते से जब तक भारी वाहन गुजरते हैं तो इनके चालकों को भी परेशानी होती है क्योंकि इस मार्ग पर छोटे बड़े और दुपहिया वाहनों की भरमार रहती है. यह भारी वाहन चालक के जरा सा भी ध्यान चुक जाए तो दुर्घटना होना तय है और यहीं कारण है कि, यहां से यह वाहन बहुत ही धीमी गति से गुजरते हैं. ऐसे में जाम लगना स्वभाविक हो जाता है. इतना ध्यान रखने के बावजूद जनवरी 2022 के बाद से अब तक अट्ठारह दुर्घटनाओं में से तीन लोगों की मौत हो चुकी है. कई लोग घायल हो चुके हैं. बाईपास को लेकर अनेक बार प्रशासन को अवगत करवाया गया है पर क्षेत्रीय विधायक को अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ.
Reporter: Arun Harsh
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