Jodhpur News, जोधपुर: भारत देश में अलग ही मान्यता और रीति-रिवाज है और हर एक परंपरा का अपना महत्व होता है. ऐसी के मान्यता राजस्थान के जोधपुर की है, जिसे सुनकर आप यकीन नहीं कर पाएंगे. जोधपुर की मान्यता है कि एक खास दिन पर महिलाओं के हाथों से लाठी-डंडे खाने से कुंवारे लड़कों का शादी हो जाती है. ये अनोखा रिवाज धींगा गवर मेले यानि गणगौर में निभाई जाती है. 


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घरती पर आए भगवान शिव और माता पार्वती
कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती धरती पर मनुष्य का अवतार में आए थे. इस दौरान लोगों के उनका खूब आदर-सत्कार किया और सभी औरतों ने मिलकर भगवान शिव और माता पार्वती का पूजा की थी. कहते हैं इससे पहले विधवा महिलाओं को गणगौर पूजा करने नहीं दी जाती थी और इसके बाद से इसेमेंले के रूप में ले लिया गया और विधवा भी पूजा में शामिल होने लगी. 



सज-धज कर लाठी के साथ महिलाएं निकलती घर से बाहर 
अब विधवा महिलाओं, कुंवारी लड़कियां और विवाहित महिलाएं भी शरीक होती हैं और गणगौर पूजा करती हैं. इस दौरान  महिलाएं व्रत रख रात में सज-धज अपने हाथों में डंडा लेकर बाहर निकलती हैं और जगह-जगह जाकर गणगौर माता की पूजा करती हैं और नाचती-गाती हैं. 


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दूर-दूर से लोग महिलाओं से आते हैं पीटने 
इसके साथ ही महिलाएं मेले में मिलने वाले कुंवारों लड़कों पर डंडे भी बरसाती हैं और घर जाकर पूजा करके व्रत को पूरा करती हैं. मान्यता है कि गणगौर पूजने वाली महिलाएं और मेले में आए पुरुष सभी सुनारों की घाटी में गणगौर की प्रतिमा की दर्शन जरूर करते हैं. इस मेले में दूर-दूर से कुंवारें युवक महिलाओं से ड़ंडे खामे आते हैं और वे महिलाओं को लाठी से मारने के लिए उकसाते भी हैं.