इजरायल के राजदूत ने सालावास का किया दौरा, बुनकरों के परंपरागत कला कौशल भरे हुनर को सराहा
ईजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने रविवार को जोधपुर जिले के सालावास गांव का दौरा किया और वहां के प्रसिद्ध हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े हस्तशिल्पियों से संवाद कायम किया और बुनाई कार्य का निरीक्षण किया.
Jodhpur: ईजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने रविवार को जोधपुर जिले के सालावास गांव का दौरा किया और वहां के प्रसिद्ध हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े हस्तशिल्पियों से संवाद कायम किया और बुनाई कार्य का निरीक्षण किया. सालावास के हस्तशिल्पियों एवं ग्रामीण प्रतिनिधियों ने राजदूत का स्वागत किया और सालावास की परंपरागत कला के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
ईजरायल के राजदूत ने सालावास में ग्रामीणों द्वारा जो हाथ से बनाई जाने वाली पंजा दरी व पोटरी ब्लॉक प्रिंट के बारे में जानकारी ली और हस्तशिल्प उत्पादों का अवलोकन करते हुए ग्रामीणों के हुनर की सराहना की. दरी बुनाई के बारे में उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा की. परंपरागत हस्तशिल्पी मालाराम मुंडेल ने दरी बुनाई की सम्पूर्ण प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी और इससे संबंधित व्यवहारिक कार्य का निरीक्षण करवाया.
इस दौरान हस्तशिल्पियों ने संवाद में सालावास के परंपरागत ग्राम्य उद्योग की विशेषताओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी और लुप्त होती कलाओं के संरक्षण व संवर्धन के लिए व्यापक प्रयासों की आवश्यकता पर जोर दिया. ईजरायल के राजदूत नाओर गिलोन ने सभी बुनकरों को आश्वस्त किया कि उनके परंपरागत हस्तशिल्प और इससे जुड़े कौशल को संरक्षित एवं विकसित करने के लिए आर्टिजन्स का हरसंभव सहयेाग किया जाएगा.
इस दौरान हस्तशिल्प उद्यमियों माला राम मुंडेल के साथ ही शिर्मल प्रजापत, जलालुद्दीन, इकबाल खां, अमीन खान, भाई जान व जगदीश प्रजापत आदि सभी आर्टिजन व बुनकरों ने अपने क्षेत्र की परम्परागत कला के बारे में विस्तार से जानकारी दी.
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