Jodhpur News: हर किसी को यह सुनने पर आश्चर्य हो सकता है कि 40 सालों तक ट्रेजरी जैसे विभाग में सेवाएं देकर हजारों कर्मचारियों के बिल पास करने वाले रिटायर्ड दिव्यांग सरकारी कर्मचारियों को खुद की ही स्ट्रिप लैंड की रजिस्ट्री के लिए दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर होना पड़ रहा है. लेकिन यह सच है और इसी पीड़ा से नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा को अवगत कराने के लिए यह पीड़ित जोधपुर के सर्किट हाउस पहुंचा. 

 

स्ट्रिप लैंड की रजिस्ट्री के लिए दिव्यांग रिखब चंद आवासन मंडल के अधिकारियों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. दिव्यांग रिखब चंद ने आवासन मंडल के अधिकारियों पर बेवजह स्ट्रिप लैंड की रजिस्ट्री रोकने का आरोप लगाया है. 3 महीने तक चक्कर काटने के बार अब दिव्यांग रिखब चंद सर्किट हाउस पहुंचे हैं. नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा से मिलने रिखब चंद जोधपुर के सर्किट हाउस पहुंचे. हालांकि, इस दौरान उनकी मुलाकात नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह नहीं हो पाई. 

 

40 साल तक सरकारी नौकरी करने वाले रिखब चंद को अब सरकार से उम्मीद है. दिव्यांग रिखब चंद ने आवासन मंडल के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि 90 दिन का समय हो गया है. मुझे इसी तरह से चक्कर लगाकर परेशान किया जा रहा है. मेरा मकान चौहाबो 14 सेक्टर में स्ट्रिप लैंड की रजिस्ट्री नहीं दी जा रही है. मुझे अधिकारी राजेन्द्र सिंह भाटी द्वारा बहुत परेशान किया जाता है. रोज बहाना बनाकर मुझे केवल गुमराह किया जा रहा है. मुझे शारीरिक, मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है. रिखब चंद ने कहा कि इस तरह परेशान होकर मुझे अब मजबूरन कोई ऐसा कदम उठाना पड़ेगा जिसका जिम्मेदार वह अधिकारी रहेगा.