Jodhpur News: बाड़मेर में कांग्रेस के पूर्व विधायक रहे मेवाराम जैन के खिलाफ जोधपुर के एक थाने में महिला ने दुष्कर्म, पॉक्सो एवं एससीएसटी एक्ट में केस दर्ज मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए अनुसंधान में सहयोग करने के निर्देश दिए है. हाईकोर्ट ने पीड़िता की ओर से जान का खतरा बताए जाने पर पुलिस को सुरक्षा देने के निर्देश दिए हैं. अब इस मामले में आगे की सुनवाई 25 जनवरी को होगी.  


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जस्टिस दिनेश मेहता की कोर्ट में मेवाराम जैन की ओर से अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को चुनौती दी गई. मेवाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास बालिया ने पक्ष रखते हुए कहा कि उनके खिलाफ पूरा मामला ही झूठा दर्ज है. इससे पहले दो तीन एफआईआर दर्ज हुई थी, यहां तक की 5 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट में भी याचिका में पीड़िता के हस्ताक्षर शुदा शपथपत्र की बात भी कही, जिसमें पीड़िता ने कहा कि वह मेवाराम जैन को नहीं जानती है. 


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मेवाराम के अधिवक्ताओं का कहना है कि पूरा मामले में दयाल नामक व्यक्ति ही मास्टर माइंड है, जबकि शैलेन्द्र अरोड़ा और रामस्वरूप भी इस मामले में आरोपी है. कोर्ट ने पीड़िता से भी बात की पीड़िता ने कोर्ट के समक्ष फोटोग्राफ भी पेश किए और कोर्ट को बताया कि उन लोगो से जान का खतरा है. लगातार मुकदमें बाजी और उसके बाद दबाव बनाकर मुकदमें वापस लेने के लिए मजबूर करते है. कोर्ट ने सभी को सुनने के बाद मेवाराम को अनुसंधान में सहयोग करने के निर्देश देने के साथ ही गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. 


पीड़िता ने कहा कि उसके साथ न्याय होना चाहिए, कोर्ट ने कहा कि न्यायिक बहिष्कार के चलते आपके अधिवक्ता आने पर पूरी सुनवाई की जाएगी. फिलहाल पुलिस को आपकी सुरक्षा के निर्देश दिए गए हैं. पीड़िता ने मीडिया से कहा कि उसके साथ न्याय नहीं होगा तो वो आगे जाएगी. 


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